जिला बांदा, तहसील नरैनी। 16 मई का नरैनी तहसील मा सैकड़न मेहरिया मनसवा भूसा ले खातिर झालै लीने बइठ रहै। उनका आरोप रहै हम लोग आठ दिन से भूसा खातिर तहसील से लउटत हन अउर हमार जानवर पानी अउर भूख के तलाश मा मरे जात है।
नरैनी ब्लाक, गांव मुड़ी। हेंया के सुशील, जागेश्वर अउर रामपाल यादव का कहब है कि हमरे गांव मा एक महीना के भीतर पानी अउर भूख के कारन पचासन जानवर मर गे हैं। जानवरन के मूड़ अबै भी कहला बांध के पास परे हैं। तहसील मा जानवरन के खाना पानी का कउनौ ध्यान नहीं दीन जात आय। जबैकि सड़ा सड़ा क्षेत्र के आस पास लगभग 10 गांवन के खेतन मा या साल बीज का एक दाना तक नहीं परा आय। यहिसे हम लोग तहसील दिवस मा दरखास दीन है।
गुढ़ा ग्राम पंचायत के मजरा बरछा के रजिया कहत है कि मोरे चार भइंस है। या साल सूखा के कारन मड़इन के खाय का तौ गल्ला भा ही निहाय, पै गल्ला से ज्यादा भूसा के समस्या है। जानवर भूख के तारास बे मउत मरे जात हैं। मोर एक 10 हजार कीमत के पड़िया 15 मई का भूख से मर गे है।
नीबी गांव के फूलकली अउर चुनकी बतावत है कि हम लोग आठ दिन से रोज 30 रूपिया किराया खर्च कइके गांव से तहसील आवत हन। पूरा दिन घर का काम छोड़ं भूखे पियासे तहसील मा बइठ रहित हन अउर शाम के निराश होइके घर वापस जाय का परत है। जबैकि तहसील मा यतना भूसा परा है, पै कउनौ का दीन जात है तौ कउनौ का दीन ही नहीं जात आय। जब कि शासन स्तर से या साल सूखे बुन्देलखण्ड का तबाही से बचावैं खातिर कइयौ सुविधा दीन गई हैं। जेहिसे लोगन का परेशानी न मिलै, पै बीच मा बहुतै मनमानी कीन जात है। यहिसे गरीब किसान अउर उनके जानवर मरत हैं।
तहसील दिवस प्रभारी अधिकारी एस.डीएम योगेश कुमार अउर तहसीलदार लोगन का भरोसा दिहिन कि भूसा तहसील मा आ गा है। 18 मई से सब का बांटैं का काम भी शुरू कई दीन गा है।
रिपोर्टर – गीता