जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ गांव बरवार सन 2014-15 मा या गांव का लोहिया समग्र गांव घोषित कीन गा रहै पै या गांव मा अबै भी कउनौ विकास नहीं आय।विकास कागजन मा बस देखावा गा हवै। गांव के मड़ई कहत हवै कि गरीब मड़इन का आवास अउर शौचालय नहीं दीन गे हवैं। खडंजा खातिर रुपिया निकल गा हवै पै रास्ता नहीं बना आय।जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ गांव बरवार सन 2014-15 मा या गांव का लोहिया समग्र गांव घोषित कीन गा रहै पै या गांव मा अबै भी कउनौ विकास नहीं आय।विकास कागजन मा बस देखावा गा हवै। गांव के मड़ई कहत हवै कि गरीब मड़इन का आवास अउर शौचालय नहीं दीन गे हवैं। खडंजा खातिर रुपिया निकल गा हवै पै रास्ता नहीं बना आय। प्रधान कलावती का मनसवा छोटे का कहब हवै कि 135 शौचालय मा 10 शौचालय नहीं बने आहीं।आवास खातिर सब सामान हवै पै बालू के कारन अधूरे पड़े हवै।खडंजा बन गा हवै। राजोल कुमार बताइस कि 2002 के सूची के तहत सब का आवास शौचालय मिले रहै पै पात्र मड़इन का कुछौ नहीं मिला अपात्र मड़इन के एक घर मा दुइ–दुइ शौचालय दीन गे हवै। सुरकेस बताइस कि प्रधान शौचालय खातिर 12 सौ रुपिया मांगत रहै।आवास खातिर 35 हजार रुपिया मांगत हवै।हम गरीबन के लगे येत्ता रुपिया नहीं आय।बिट्टी बताइस कि प्रधान अउर सचिव हमसे 10 हजार रुपिया घूंस मांगत हवै।रुपिया न दे के कारन उंई हमें कुछौ सुविधा नहीं देत आहीं।यहै कारन मंगल दिवस मा दरखास दीने हन।पै अबै कुछौ कारवाही नहीं भे आय। बंशीलाल अउर विमलेस कुमार निषाद बताइन कि हम नेट से शौचालय के सूची निकाले हन जेहिमा 135 शौचालय मा 70 शौचालय बस बने हवै।
रिपोर्टर- सुनीता देवी
27/06/2017 को प्रकाशित