नई दिल्ली: बुधवार को पाकिस्तान ने भारत सरकार के महत्त्वपूर्ण कदम उठाने पर जिसमें जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने और कश्मीर एवं लद्दाख को अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटने था, इस पर भारतीय उच्चायुक्त को इस्लामाबाद से लौटा दिया। अपने पांच सुत्रीय कार्यक्रम को ढ़ाल बना कर सबसे पहले उसने भारतीय उच्चायुक्त को लौटाया इसके बाद भारत के साथ द्वीपक्षीय व्यापार समाप्त करने की घोषणा कर दी।
जिस समय भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया इस्लामाबाद में हैं उसी समय उनके समकक्ष पाकिस्तानी उच्चायुक्त मोईन-उल-हक़ दिल्ली में अपना कार्यभार संभालने के लिए पहुंचे हैं।
कश्मीर के मुद्दे पर इस्लामाबाद लगातार अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग करता रहा है, उसने कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी कश्मीर पर सरकार के निर्णय के ख़िलाफ़ अपील करेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को धन्यवाद दिया था कश्मीरी मुद्दे पर मध्यस्थता करने के प्रस्ताव पर जिसे भारत ने सिरे से ख़ारिज़ कर दिया।
राष्ट्रीय सुरक्षा समिति से हुई मुलाक़ात से जुड़े ट्वीट में इमरान ख़ान ने कहा कि वे देख रहे हैं कि भारतीय सरकार जो कदम उठाएगी, वे भी उसी के अनुरूप कदम उठाएंगे। पाकिस्तान ने इस विषय पर अपनी योजनाओं की सूची के बारे में बताया।
मुख्य घटनाक्रम
भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने के बाद हुआ।
इस्लामाबाद की ओर से कहा गया कि वह इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाएंगे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को इसके प्रतिरोध में बात की।
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने बुधवार को इस्लामाबाद से भारतीय उच्चायुक्त को लौटा दिया और अपना पांच सुत्रीय कार्यक्रम की घोषणा भी कर दी जिसके तहत उसने भारत के साथ द्वीपक्षीय व्यापार संधी भी समाप्त करने की घोषणा कर दी। पाकिस्तान ने यह कदम भारत सरकार के कश्मीर पर उठाए गए कदम पर लिया है जिसमें जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने और कश्मीर तथा लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांटना है।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने कहा, ‘सरकार के कश्मीर पर इस कदम से इलाक़े में मानवाधिकार की स्थिति ख़राब होने से गहरा संबंध’ था। सच्चाई यह है कि इस समय वहां से मुश्किल से कोई ख़बर बाहर आ रही है जहां सबका विशेष ध्यान है।’ संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रवक्ता ने कहा।
राष्ट्रीय सुरक्षा समिति से हुई मुलाक़ात से जुड़े ट्वीट में इमरान ख़ान ने कहा कि वे देख रहे हैं कि भारतीय सरकार जो कदम उठाएगी, वे भी उसी के अनुरूप कदम उठाएंगे। पाकिस्तान ने इस विषय पर अपनी योजनाओं की सूची के बारे में बताया।
1- भारत के साथ उच्चायुक्त संयंत्र के संबंध समाप्त करना।
2- भारत के साथ द्वीपक्षीय व्यापार संधी समाप्त करना।
3- द्वीपक्षीय व्यवस्था पर दोबारा विचार।
4- संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ सुरक्षा परिषद में मुद्दे को उठाना।
5- ’14 अगस्त को बहादुर कश्मीरियों की एकजुटता देखना।’ ऐसा ट्वीट में कहा। बैठक में सभी प्रमुख, सिविलियन और सेना से जुड़े अधिकारियों ने भाग लिया।’ इमरान खान के दफ्तर से मिले बयान में कहा गया।
‘गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी’ इमरान खान के कश्मीर पर दिए बयान के एक दिन बाद ही आई है।
‘वह (भारत) यदि पीओके ( पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में कुछ भी करेंगे तब हम प्रतिक्रिया ज़रूर देंगे… हम ख़ून की आख़िरी बूंद तक लड़ेंगे।’ उसने पाकिस्तान की संयुक्त संसदीय बैठक में कहा।
इसके अतिरिक्त पाकिस्तान के मित्र चीन ने भी भारत सरकार के इस ख़ास कदम का विरोध अपने राष्ट्रीय अध्याधेश में किया।
चेतावनी देते हुए उसने कहा, ‘भारत की कश्मीर पर एकतरफा यथास्थिति को अपनी मर्जी से मोड़ने के प्रयास पर चीन ने भी लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने पर नाराज़गी ज़ाहिर की।
नई दिल्ली ने चीन के आक्षेप को यह कहते हुए नकार दिया, ‘यह हमारा निजी मामला है।’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी देश के मामले में ना दखल देता है और ना उसे किसी की अपने मामले में दखलअंदाजी पसंद है।
Transalated from : https://www.ndtv.com/india-news/pakistan-to-downgrade-diplomatic-relations-suspend-bilateral-trade-with-india-2081826