भारत के लिए जासूसी करने के आरोप में कुलदीप यादव पाकिस्तान जेल में वर्ष 1994 से बंद हैं। कुलदीप की बहन रेखा यादव आज भी अपने भाई को राखी भेजती हैं।
अहमदाबाद के चांदखेड़ा की रहने वालीं रेखा 1997 से लखपत जेल में बंद अपने भाई को राखी भेज रही हैं। वह बताती हैं, ‘हमें कुलदीप का आखिरी खत 2011 में मिला था, जिसके बाद से हमें उनके बारे में कोई और जानकारी नहीं मिली।’
रेखा बताती हैं कि उन्हें केंद्र सरकार द्वारा यह बताया गया कि कुलदीप की सजा 10 सितंबर 2021 को पूरी हो रही है। वर्ष 2013 में पाकिस्तान जेल में सरबजीत सिंह की मौत के बाद से रेखा का परिवार भी डर के साए में रहने को मजबूर है। रेखा का कहना है, ‘हम कुलदीप का कई सालों से इंतजार कर रहे हैं। यदि हमें इस बात के लिए आश्वस्त किया जाता है कि वह जीवित हैं तो मैं 2021 तक खुशी के साथ उनका इंतजार कर सकती हूं।’
रेखा यादव अपने चार भाइयों प्रदीप, कुलदीप, दिलीप और संजय की इकलौती बहन हैं। हर बार रक्षाबंधन के त्योहार में कुलदीप को याद करते हुए सभी की आंखें आज भी नम हो जाती हैं।
रेखा बताती हैं, ‘उनके परिवार को इस बात का आभास नहीं था कि एलएलबी पूरा कर चुके कुलदीप, जो कभी-कभी अपने काम के सिलसिले में दिल्ली जाते हैं, वह इस तरह से एक दिन गुम हो जाएंगे।’
बता दें कि कुलदीप 1994 से गुमशुदा हैं। बकौल रेखा वे हर एक राजनेता के पास अपने भाई की जिंदगी के लिए गुहार लगा चुकी हैं।