उड़ी हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान की घेराबंदी के लिए भारत ने ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की, यानी एक लक्षित कार्रवाई के द्वारा उसे कड़ा जवाब दिया।
हाल ही में, पाकिस्तान में होने वाला सार्क सम्मेलन रद्द कर दिया गया है। साथ ही भारत ने दक्षिण एशिया के देशों का सहयोग संगठन (दक्षेस) शिखर सम्मेलन में भाग लेने से भी मना कर दिया है। इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी पाकिस्तान कर रहा है।
भारत के इस सम्मेलन में भाग नहीं लेने का कारण सीमापार से आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं और आंतरिक मामलों में पाकिस्तान के बढ़ते हस्ताक्षेप है।
दक्षेस शिखर सम्मेलन में बांग्लादेश, अफगानिस्तान और भूटान ने भी भाग लेने से मनाकर दिया पर फिर भी इस सम्मेलन के स्थगित होने का सारा दोष भारत को ही दिया जा रहा है।
सार्क सम्मलेन दक्षिण एशिया के स्तर का एकमात्र मंच है जहां व्यापार और संस्कृति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होती है। सम्मलेन रद्द होने पर कुछ संस्थाओं ने चिंता जताई है कि सीमा पर तनाव और हिंसा होने की वजह से आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाएगी।
इन सभी अंदेशों के बाद यदि युद्ध हुआ तो सबसे ज्यादा खमियाजा दोनों तरफ के लोगों को भुगतना पड़ेगा जो चिंता का विषय है।