जिला महोबा, ब्लाक पनवाड़ी, गांव बेंदौ, दलित बस्ती, वार्ड नम्बर एक के आदमियन को आरोप हे की पांच महीना से कोटेदार हमाये राशनकार्ड नईं देत हे। हमाये राशनकार्ड को राशन पूरो बाजार मे बेच लेत हे।
जयबाई बताउत हे की मोय परिवार मे छह लड़का बिटिया हे। मोओ (ए.पी.एल.) राशन कार्ड बनो हे। मोये दो लीटर मिट्टी को तेल बस मिलत हे। गांव मे में अकेली रहत हों। परिवार के सब जने बाहर दिल्ली मे मजदूरी करत हें। मेने तीन दइयां अपने सब कागज कोटेदार खा दये हे, मोओ खाद्य सुरक्षा वालो राशनकार्ड बनवा दे। पे ऊ नईं सुनत हे।
तुफेल अहमद कहत हे की जनवरी के महीना मे मजदूरी करी हती, तो ओई रूपइया में अभे एक बोरा गेंहू बाजार से खरीदो हे। हम लोग भूमिहीन किसान हे। मजदूरी करके परिवार को पेट चलाउत हे। पे हमाये राशनकार्ड नईं बने हे। हम लोगन ने चार-चार दइयां फारम भरे हे। पांच महीना बीते के बाद भी हमाये राशनकार्ड नई बने हे।
कोटेदार रामकुमार कहत हे की गांव मे दो कोटेदार हे। चन्ना कोटेदार कोटा छोड़के दिल्ली चलो गओ हे। अभे तक मोये ऊ कोटा न राशनकार्ड मिलो ओर न ही मेनें ऊखे राशनकार्ड को राशन उठाओ हे। ई महीना मे मोये चार्ज मिलो एक से आठ वार्ड नम्बर तक के राशनकार्ड मोये पास हे। जोन मे ई महीना मे राशनकार्ड ओर राशन दोनऊ बांट देहो।
पूर्ति विभाग के वी.के महान कहत हे की मोये अभे तक जानकरी नई रही हे। अब भई हे तो मे खुद गांव जाके सबके राशनकार्ड वितरण कराहों।
रिपोर्टर – सुरेखा राजपूत