जि़ला फैज़ाबाद। अयोध्या नगरी हमेशा ही विवादों से घिरी रही है चाहे वो राम मंदिर के लिए हो या बाबरी मस्जिद के लिए। 21 दिसम्बर को रिपोर्ट निकली थी की विश्व हिन्दू परिषद ने पत्थर जमा करने का अभियान जो 6 महीने पहले शुरू किया, उसके पत्थर आ चुके हैंअयोध्या शहर में।
लेकिन राम मंदिर के पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास का कहना है कि पत्थर तो कई साल से आ रहे हैं। एक बार फिर अयोध्या और राम मंदिर की चर्चा हो रही है।
राम मंदिर के पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने बताया कि विश्व हिन्दु परिशद ने राम जन्म भूमि के नाम एक ट्रस्ट बनाया था। जिसमें सौ करोड़ का बजट रखा गया। इतनी लागत से राम मंदिर बनवाना है। इसे लेके हर महीने बैठक भी की जाती है। हमने बैठक में ही बात रखी थी कि जब इतना बजट है तो अयोध्या के खाते में कुछ करोड़ रुपए ही सही पर रहने चाहिए। लेकिन अभी तक कुछ भी रुपए खाते में नहीं आए हैं।
पत्थर आज से नहीं कई सालों से आ रहे हैं। उन्हं तराशने का काम चल रहा है। क्योंकि मंदिर एक दिन में नहीं बनता अगर फैसला हमारे हक में आया तो हम तुरंत मंदिर का काम शुरु कर देंगे। यह मंदिर बहुत ही भव्य होगा। ये सारे पत्थर जयपुर से ही आ रहे हैं। जो लोगों ने दान में दिया है। हमारे गुरु जब यहां आए तो उन्होंने पत्थरों की पूजा की तभी से ये खबर मीडिया में आ गई।
राम मंदिर को एक राजनीतिक मुद्दा बनाने पर आचार्य ने बताया, ‘‘जब धर्मनीति को राजनीति से जोड़ दिया जाता है तो वह धर्मनीति दूषित हो जाती है।’’ वही हाल अयोध्या का हो गया है। मंदिर तो हम बनवाना चाहते हैं लेकिन जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता कुछ किया नहीं जाएगा और कोर्ट का जो फैसला आए हमें मंजू़र होगा।
पत्थरों को तराशने का काम करने वाले जयपुर के श्रीतन ने बताया, ‘‘मैं लगभग बीस साल से यहां पत्थर तराशने का काम कर रहा हूं। तीन चार महीने में घर जाता हूं। यहां रहने के लिए हमें कमरे मिले हैं। मेरे बाप-दादा भी यही काम करते थे।’’
गुजरात के रजनीकांत ने बताया, ‘‘मैं पिछले तीन सालों से यहां काम कर रहा हूं। यहां हर जगह के लोग काम करते हैं। कुछ उत्तरप्रदेश के हैं कुछ गुजरात के कुछ राजस्थान से आए हैं। हमें दिन के तीन सौ पच्चीस रुपए मिलते हैं।’’
यहां रहने वाली यासमीन खातून और रेखा ने बताया, ‘‘हम तो चाहते हैं ना मंदिर बने, ना मस्जिद। उस जगह कोई अस्पताल और स्कूल बना दिया जाए, जिससे हिन्दू मुस्लिम दोनों को फायदा हो। इस हिंदू मुस्लिम दंगे में फायदा नेता लोगों का ही होता है, मरती जनता है। तनाव का माहौल हो तो स्कूल बंद हो जाते हैं। लोग काम पर नहीं जा पाते हैं इससे नुकसान जनता का ही होता है। लेकिन अभी यहां का माहौल शांत है।’’
पहली बार नहीं, सालों से आ रहे हैं अयोध्या में पत्थर
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