बलात्कार की एक शिकायतकर्ता की पहचान उजागर किए जाने के आरोप में दिल्ली महिला आयोग अध्यक्षा स्वाति मालीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
सूत्रों के अनुसार जिस एसएचओ को महिला आयोग ने नोटिस दिया था, उसी एसएचओ की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया.
पुलिस का कहना है कि बलात्कार की घटना को लेकर जारी किए गए नोटिस में उन्होंने लड़की का नाम सार्वजनिक कर दिया था और इस नोटिस की एक कॉपी एक राष्ट्रीय चैनल पर भी दिखायी गयी थी। इस वजह से आईपीसी की धारा 228 (ए) के तहत स्वाति मालीवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
गौरतलब है कि पिछले साल दिसम्बर महीने में एक किशोरी के साथ बलात्कार की एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले की सुनवाई फिलहाल अदालत में चल रही थी। इसी बीच, अदालत में सुनवाई की तारीख से ठीक पहले 15 मई को फिर से किशोरी का अपहरण कर लिया गया।
कुछ दिनों बाद किशोरी तो मिल गई लेकिन परिजनों ने आरोप लगाया कि आरोपी ने किशोरी के साथ बलात्कार किया और उसके इस घटना में उसके मामा-मामी ने सहयोग दिया। इतना ही नहीं किशोरी को जहर या तेजाब पिला दिया गया, जिससे उसकी अचानक तबियत खराब हो गई।
बाद में किशोरी को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस की तरफ से कार्रवाई को लेकर एसएचओ को नोटिस दिया था।
इस नोटिस में किशोरी का असली नाम लिखा था। दावा यह भी किया गया है कि महिला आयोग अध्यक्षा ने नोटिस की कॉपी संवाददाताओं को उपलब्ध कराई और कॉपी को व्हाट्स एप ग्रुप पर भेजकर लड़की की पहचान उजागर की, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
बलात्कार की शिकायतकर्ता का नाम उजागर करने के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज किये जाने के बाद स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया पर कहा है कि वह एफआईआर से डरने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैंने निर्भया के लिए लाठी खायी है। मेरा हल पल और कोई निर्भया न हो यह सुनिश्चित करने में लगता है। मैं आंदोलनकारी हूं, किसी एफआईआर से नहीं डरती। उनके मुताबिक़ यह एफआईआर आधारहीन है।