जिला सीतामढ़ी, प्रखण्ड रीगा, गांव बुलाकीपुर। उहां पशु चिकित्सालय में लगभग पांच महिना से दवाई न हई। जेइ कारण पशु पाले वाला आदमी सब के पशु के दवाई के लेल बहुत दिक्कत होई छई।
उहां के सुबोध कुमार, बालकुमार बैठा, विनोद राम, उमेश कुमार लगभग दस आदमी कहलथिन कि हमरा सब के गाय, भैस ,बकरी के तबीयत खराब होइय या कोई भी पशु के दवाई लावे अस्पताल में जाई छी त दवाई न मिलइय। डॉक्टर दवाई लिख देई छथिन त प्राइवेट से दवाई खरीदे के होई छई। सरकार पशु के लेल चिकित्सालय (अस्पताल) खोलले छथिन लेकिन दवाई न मिलई छई त कोन फायदा।
डॉक्टर रितेश कुमार कहलथिन कि कोनो आदमी पशु के दवाई लावे अस्पताल में अवई छथिन। त उनका सलाह देली अउर दवाई लिख देली बाहर से लेवे के लेल। अस्पताल में दवाई पांच महीना से न हई। हम सब जिला में मांग कयेले छी।
जिला पशु पालन पदाधिकारी डॉक्टर बैधनाथ प्रसाद कहलथिन कि बिहार सरकार वितिय वर्ष 2013-2014 में दवाई खरीदे के लेल रूपईया न भेजलथिन। जेई कारण दवाई के खरीदारी न होलईय। दवा के समस्या जिला में तेइस पशु अस्पातल में हई। अगर एक लाख से कम रूपईया के दवाई कंपनी से खरीद सकइले, लेकिन एक लाख से अधिक रूपईया के दवाई के लेल कंपनी के टेन्डर करे के परई छई। ओई के बाद दवा बन के अवई छई तब सब अस्पताल में डॉक्टर ले जाई छथिन।