जिला चित्रकूट, ब्लाक मानिकपुर, मुहल्ला इन्द्रा नगर। हिंया के बसन्ती के शादी लगभग बत्तीस बरस पहिले सुभाष चन्द्र के साथै भे रहै। वहिका मनसवा गांजा पियत रहै। या कारन वा मनसवा से अलग रहत रहै।
18 अप्रैल 2013 का वा अपने घर आई। पता नहीं कि मनसवा का कहि दिहिस कि वहिके फरूवा मार दिहिस। यहै से मनसवा मरगा अउर बसन्ती का जेल होइगे हवै। या कहिन मुहल्ला के कुछ मड़ई।
बसन्ती का बेटवा सुरेश कहिस कि पांच भाई अउर एक बहिनी हन। महतारी रेलगाड़ी मा चना बेंचत हवै। बचपन से देखत रहेन कि हमरे महतारी अउर बाप के कत्तौ पटत नहीं रहै। उंई दूनौ आपस मा लड़त रहैं। हम तीन भाई अहमदाबाद शहर मा कमात हन तौ आपन पूर कमाई अपने बाप सुभाष चन्द्र का देत रहेन। महतारी का अपने कमाई कत्तौ नही दीने हन। काहे से कि वा हमरे साथै नहीं रहत रहै, पै बीच बीच मा कत्तौ कत्तौ आवत रहै। महतारी बसन्ती वहिके मूंड मा फरूवा मार दिहिस। यहै से बाप मरगा।मानिकपुर थाना के दरोगा हरिशरण यादव का कहब हवै कि या मामला के जांच चलत हवै। बसन्ती का जेल होइगे हवै।
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