भारतीय परिवेश में लाखों बलात्कार के मामले ऐसे हैं जिनमें अपराधी परिचित ही होता है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के हालिया आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2016 तक के आंकड़े दर्शाते हैं कि 94.6% मामलों में अपराधी पीड़ित महिला/लड़की के परिचित ही होते हैं।
इन मामलों में मध्यप्रदेश सबसे आगे है। यहाँ साल भर में 4882 बलात्कार के मामले दर्ज किये गये हैं। जिनमें से 4789 मामले ऐसे थे जिनके अपराधी जानकर ही थे। दूसरे नम्बर पर उत्तर प्रदेश है जहाँ 4816 बलात्कार के मामलों में से 4803 मामलों में परिचित ही शामिल होते हैं।
वहीँ, महाराष्ट्र के 4189 बलात्कार के केसों में से केवल 63 केस ऐसे थे जिनमें अपराधी के बारे में नहीं पता था।
दक्षिण भारतीय पांच राज्यों में सबसे ज्यादा बलात्कार के मामले सामने आते हैं। केरल में सबसे ज्यादा बलात्कार के मामले देखे जाते हैं। केरल में 2016 में 1656 मामले, कर्नाटक में 1655 मामले तेलंगाना में 1256, आंध्रप्रदेश में 995 और तमिलनाडु में 319 हैं।
केरल में 994 ऐसे मामले थे जिनमें अपराधी कोई और नहीं बल्कि घर के परिचित थे। वहीँ, 1656 में से 29 मामलों में अपराधी अजनबी थे। कर्नाटक में 1655 मामलों में से 13 मामलों में अपराधी अनजान थे।
देश भर में ऐसे कई मामले है, बलात्कार के अपराधियों को या तो पीड़ित के परिवार के सदस्य, करीबी रिश्तेदार, दूर के रिश्तेदार या पड़ोसी होते हैं।
राज्यों की सूची में राजस्थान सबसे ऊपर है, जहाँ परिवार के सदस्यों द्वारा किए गए बलात्कार की खबर सबसे ज्यादा दी गई हैं। इसमें दादा, पिता, भाई, पुत्र आदि शामिल हैं। राजस्थान में 3656 बलात्कार के मामलों में, 147 यौनाचार परिवार के सदस्यों द्वारा किया गया, इसके बाद महाराष्ट्र 96 मामले है, परिवार द्वारा 2155 मामलों में से 56 में से 56 मामलों के साथ, दिल्ली तीसरे स्थान पर रहा।
केरल में, कुल 1656 बलात्कारों में से 73 महिलाओं का बलात्कार परिवार के सदस्यों द्वारा किया गया।