पद्मावत
कलाकार: दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर, रणवीर सिंह
निर्देशक: संजय लीला भंसाली
शायद ही कभी ऐसा होता है की एक मूवी देखना भी एक राजनितिक फैसला बन जाता है। लेकिन ये एक ऐसी फिल्म है, जो शूटिंग के दौरान से ही, विवादों में घिरी रही। और पूरी होने के बाद जैसे ही इसकी रिलीज़ तारीक पास आती गई, वैसे ही फिल्म विवाद और चर्चा को पीछे छोड़, हिंसा का विषय बन गई।
फिल्म का नाम पद्मावती से पद्मावत हुआ, सेंसर बोर्ड के द्वारा दिए गए कट्स इसमें शामिल किये गए, लेकिन फिल्म के विरोध में कट्टरपंथियों ने अपना गुस्सा और भी तेज़ कर लिया। करणी सेना संगठन, जिन्होंने शूटिंग के दौरान भंसाली पर शारीरिक वार भी किया था, ने इस विरोध को हिंसक रूप दिया। यहां तक की कल, 24 जनवरी को, इस संगठन के कार्यकर्ताओं ने गुरुग्राम में एक चलती स्कूल बस पर पथ्रेबाज़ी भी की। इससे पहले फिल्म में रानी पद्मिनी का किरदार निभाने वाली लोकप्रिय अभिनेत्री दीपिका पादुकोण पर भी इस संगठन ने निशाना साधा है, ये घोषणा करते हुए की उनकी नाक को काटने वाले को इनाम दिया जाएगा।
फिल्म पद्मावत नामक एक कविता पर आधारित है, असली इतिहास पर नहीं, और जहां तक कुछ प्रशंसकों ने कहा है, फिल्म में राजपुताना आन बान शान को प्रस्तुत किया गया है, राजा रतन शाह (शाहिद कपूर) और रानी पद्मिनी के किरदारों के रूप में। अलाउद्दीन खिलजी का किरदार निभाने वाले रणवीर सिंह को पूरी तरह से ख़राब दिखाया गया है। और इसमें जौहर प्रथा की प्रस्तुति भी इस नज़रिए से की गई है, की दर्शकों को उसकी खूबसूरती ही दिखाई दे। अरे! अन ये सुनकर तो ऐसे लग रहा है की इतना विरोध और इतनी हिंसा आखिर क्यों? लेकिन ये याद रहे की जिन सगठनों को फिल्म से दिक्कत है, उन्होंने फिल्म देखी भी नहीं है।
बस एक उडती अफ़वा पर चला है पूरा सिलसिला, और राजनीतीक मामला बना है।