संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत फिल्म से बैन हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ मध्य प्रदेश और राजस्थान द्वारा दायर की गई पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि हिंसक तत्वों को बढ़ावा नहीं दे सकते हैं, राज्य सरकारों को कानून व्यवस्था संभालनी होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब फिल्म पूरे देश में अपनी तय तारीख 25 जनवरी को रिलीज होगी।
करणी सेना ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामड़ी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी पद्मावत पर दोगलापन दिखा रही है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा कानून व्यवस्था को बनाए रखना राज्य सरकार कर्तव्य है। कोर्ट ने कहा है कि इस याचिका को क्यों कबूला जाए। राज्य सरकारों को कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी उठानी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि हिंसा को बढ़ावा देने वाले कुछ समूहों को राज्य सरकारें प्रोत्साहित नहीं कर सकती है। कुछ समूह लगातार हिंसा की धमकी देकर रिलीज रोकने की अपील कर रहे हैं। सेंसर बोर्ड ने अपना काम किया है।
कोर्ट ने कहा कि हम लोग इतिहासकार नहीं हैं और यह फिल्म ऐसा बिल्कुल नहीं कहती है कि ये पूरी तरह इतिहास पर आधारित है।
22 जनवरी को गुरुग्राम, नोएडा समेत कई शहरों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। इस मामले में पुलिस करीब 16 लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है, इसके अलावा करीब 200 लोगों पर केस दर्ज हो चुका है। विरोध के दौरान करणी सेना ने डीएनडी पर भी आगजनी की और आम लोगों के साथ मारपीट भी की।
ताजा खबरों के अनुसार, दिल्ली–जयपुर हाइवे पर फ़िल्म का विरोध जारी हैं। जयपुरल के वैशाली नगर में दिल्ली–जयपुर हाइवे पर पद्मावत के प्रदर्शन के विरोध में जाम लगाया गया है। इस वक्त हाइवे पर सैंकड़ों लोग मौजूद हैं और कई वाहन भी खड़े हुए हैं।
वहीं, गुजरात के अहमदाबाद में कई प्रदर्शनकारियों ने 23 जनवरी की रात हिमालय मॉल को निशाना बनाया और वहां खड़े कई वाहनों में आग लगा दी।
इन सब विरोधों के बीच पद्मावत के पेड प्रिव्यू(पैसे देकर प्रदर्शन) की व्यवस्था की गई है। 24 जनवरी को शाम 9.30 बजे फिल्म का पेड प्रिव्यू होगा।