जिला महोबा ब्लाक चरखारी गांव गौरहारी। वैसे तो महोबा तालाबों और पहाड़ों के लिए खूब जाना जाता है। लेकिन एक पहाड़ ऐसा भी है जिससे निकले पत्थरों से बेहतरीन मूर्तियां बनाई जाती हैं। इस पहाड़ का नाम है गौरा पहाड़।
गौरहारी गांव के मूर्तिकार कालीदीन ने बताया जब मैं दस साल का था तभी से मैं छोटे पत्थर के सामान जैसे बतख, हाथी आदि बनाता था। इसके लिए मेरे पिता मुझे एक दो रुपए देते थे। धीरे धीरे मैं इस काम में माहिर हो गया। कालीदीन ने बताया कि महोबा में हम पांच कारीगर है जो पत्थर पर नक्कासी करते है। कालीदीन ने बताया कि 400 रुपए कुन्तल का पत्थर लेकर उस पर आर्डर के हिसाब से मंदिर, चर्च, ताजमहल और भी चीजे बनाते है। आगरा, कानपुर, बनारस और जयपुर जैसे शहरों में हमारे बनाए सामान खूब पसंद किए जाते हैं।