जिला बांदा, ब्लाक जसपुरा, गांव बुधेड़ा। हेंया के मड़ई बताइन कि लेखपाल शिवभूषण पटेल पात्र लोगन का पट्टा नहीं देत आय। जबै कि अपात्र लोगन का रूपिया लइके पट्टा दई दिहिस है। या समस्या के दरखास उंई बांदा एस.डी.एम. अउर तहसील दिवस तक दिहिन, पै कारवाही नहीं होत आय।
रामबाबू, रमेश अउर भोला बतावत हैं कि लेखपाल फरवरी अउर मार्च 2013 मा लगभग 26 लोगन के नाम घर के पट्टा कई दिहिस। गांव मा कइयौ मड़ई इनतान के हैं जेहिके रहैं तक का घर निहाय। या पट्टा मा घर बनावैं खातिर डेढ बिसुवा जमीन मिलत है। जिनके रहैं का घर निहाय। उनका डेढ़ बिसुवा जमीन बहुत है। पट्टा करैं से पहिले खुली बैठक होय का चाही। जउन लोगन का पट्टा दीन गा है उंई लोगन के पास पहले से पक्का मकान, बाड़ा अउर जानवर बाधैं खातिर अलग से घर है। जब पात्र मड़ई लेखपाल से पट्टा मांगिन तौ लेखपाल गांव मा जा के गाली गलौज करिस अउर फर्जी मामला मा फंसावै के धमकी दिहिस है। 19 मार्च 2013 अउर 2 अप्रैल 2013 का तहसील दिवस मा दरखास भी दीन, पै कारवाही न होय से लेखपाल कहत है कि वहिकर कोऊ कुछ नहीं कई सकत।
लेखपाल शिवभूषण पटेल अउर कानूनगो मसलाउद्दीन बतावत है कि दिसम्बर 2012 मा पट्टा आये हैं अउर 19 फरवरी 2013 का पास भे हैं। डेढ़-डेढ़ बिसुवा के कुल अट्ठाइस मड़इन के पट्टा भे हैं। खुली मीटिंग भे है। जेहिमा प्रधान, गांव के मड़ई, लेखपाल, कानून गो शामिल रहैं। सबके सहमति के बाद पट्टा पावै वाले मड़इन के लिस्ट बनी है। गांव समाज के आरक्षित जमीन नम्बर 123 रकबा
0.364 हेक्टेयर रहै। जेहिमा 28 लोगन का ही जमीन अट पाई है। गांव मा अबै भी पात्र मड़ई हैं, पै जमीन ही निहाय।
बांदा एस.डी.एम. गिरीश कुमार शर्मा कहिन कि या मामला के दरखास के बारे मा उनका पता निहाय। अगर तहसील दिवस मा दरखास आई होई तौ जांच कराके कारवाही कीन जई।