प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तौ भाषण बड़े-बड़े देत हवै कि भारत देश का स्वच्छ भारत बनावा जई। पै भाषण नाम खातिर बस हवै। भारत मा गन्दगी से मड़ई आजौ परेशान हवै स्वच्छ भारत के बात छोड़ौ। गांव गली सड़कन मा देखौ तौ चारौ कइती कूड़ा कूड़ा देखात हवै। का यहिका मोदी स्वच्छ भारत कहत हवै? पहिले उंई खुदै बतावै कि स्वच्छ भारत केहिका कहत हवै? बुन्दलखंड जइसे इलाकन के मड़ई गन्दगी से परेशान हवै अउर उंई नारा लगावत हवै तौ कत्तौ अभियान चलावत हवै। नारा अउर भाषण देब आसान हवै पै वहिका कइ के देखाउब मुश्किल हवै। चित्रकूट जिला के मऊ ब्लाक के हम बात करित हन काहे का तौ ब्लाक हवै ग्राम पंचायत हवै अउर कस्बा भी पै गन्दगी के नाम मा हर जघा कूड़ा कूड़ा देखात हवै मऊ ग्राम पंचायत के जनसंख्या पचीस हजार हवै पै सफाई कर्मी पंचायती राज कइती से एक हवैं। जेहिसे पूर गांव मा सफाई नहीं होत आय ना तौ नाली साफ़ होत हवै। सब्जी मण्डी मा तौ हफ्ता मा एक बार सफाई हो जाए तौ बड़ी बात हवै जवन प्रधान रश्मि का मनसवा अमित का कहब हवै कि सरकार हर काम अपने हाथ मा लीने हवै तौ लीने हवै तौ प्रधान कसत आय। करवइहैं। मऊ मा सफाई कर्मी बीस हो का चाही पै एक हवै अउर मैं अपने खर्चा से ग्यारह सफाई कर्मी लगवायें हौ तबहूं सफाई नहीं होइ पावत आय। सरकार हमें बीस सफाई कर्मी कूड़ा फेकै के मशीन दइ दें तौ फेर प्रधान से मड़ई सवाल कई सकत हवै। कूड़ा फेका का कत्तौ जघा नहीं आय मऊ। मा लग भग पांच सौ दुकानें हवै उनकर कूड़ा रोज निकरत हवै दुइ मड़ई कहां तक सफाई कर पई? सरकार तौ भाषण दइ के हट गे परेशान तौ प्रधान होत हवै जनता प्रधान से जवाबदेही मांगत हवै। सरकार अगर मण्डी मा बोली शुरू करवा दें तौ सब्जी बेचै वाले अउर कूड़ा करै वाले सुधर सकत हवै। नहीं तौ मऊ कूड़ादान बन चुका हवै। का सरकार यहिका स्वच्छ भारत का नारा लगवावत हवै।
पचीस हजार के जनसंख्या मा एक सफाई कर्मी!
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