जिला वाराणसी ब्लाक, चोलापुर, गावं मुनारी । चार इहां मनरेगा के काम भइले पचीस दिन हो गएल हव। एमे लगभग पैतिस मजदूर काम कइले हयन। केहू के दस दिन के मजदूरी मिलल हव त केहू के सात दिन के। सबकर कुछ ना कुछ मजदूरी मिलल हव।
काम करे वालन लोग सुभाष, रामकिशुन, सुमित्रा, नाथे, कान्ती, खरमन बतइलन कि हमने मजदूरा आदमी हई। अगस्त के महीना में पचीस दिन काम खड़ण्जा कबछावे के काम कइले हई। हमने के एही सहारा हव। हमने के काम त मिलल हव लेकिन मजदूरी नाहीं मिलल हव। हमने के खर्चा कइसे चली। हमने रोज कमाए खाए वाला आदमी हई। हमने के एही काम के सहारा हव। प्रधान से काम करे के कहल जाई त काम त मिल जाई लेकिन मजदूरी नाहीं मिलत। जब मजदूरी ना मिली त हमने काम कइसे करल जाई। अब त हमने के काम करे के मन नाहीं करत। एक बार त हमने काम कइले हई अभहीं तक मजदूरी नाहीं मिलल। अब हमने दुबारा कइसे काम करल जाई।
प्रधान रम्पा के बेटा धन्नू के कहब हव कि मजदूरी मिल गएल हव। जे जइसे काम कइले रहल ओके वइसे मजदूरी दे देहली। काम करवावत रहली आउर मजदूरी भी देत रहली।पइसा
पइसा के बिना कइसे चली खर्चा
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