सरकार लाखन रुपया लगाए के हर जिला के ग्राम पंचायत मा एक-एक पंचायत भवन कै इमारत खड़ी कई देहे बाय। लकिन कउनौ पंचायत भवन मा पंचायत नाय हुवत। कहूं जर्जर तौ कहं झाली मा छिपा बाय का सरकार फालतू मा फिजूल पइसा खर्चा कराथै?
अम्बेडकर नगर जिला मा कइयौ पंचायत भवन प्रतावीपुर, गौरावसन्तपुर, गोपालपुर, रजपाल। फैजाबाद जिला मा हैदरगंज, विजैनपुर सजहरा जैसे कइयौ ग्रामसभा मा पंचायत भवन तौ बनिगै लकिन वकै प्रयोग नाय होय पावत बाय। कभौ कभार जब मीटिंग हुवय का हाथै तौ बाहर या प्रायमरी स्कूल मा हुवाथै। जब मरम्मत के ताई पैसा सरकार के हिंआ से भेजाथै तौ काहे नाय वकै मरम्मत करवाय जात? गंाव वालेन का साल मा दुई बार खुली बैठक मा आपन समस्या कहै कै अवसर मिलाथै वहू मा कहूं मीटिंग न होये तौ कहूं जानकारी न हुवय से मनई पहुंच नाय पउतिन। मनईन के सामने आपन समस्या रखै कै अवसर नाय मिलत।
जब सरकार के तरफ से भवन के मरम्मत कै पैसा आवाथै तौ कहां चला जाथै? कागज मा साफ सुथरा अउर सारी व्यवस्था देखाय दियाथिन लकिन असल मा वकै हालत काव रहाथै ग्रामीण बताय सकाथिन? नियम मा हुवय का चाही कि पंचायत भवन पै हर बार मीटिंग हुवय अउर मनई खुल के आपन समस्या कहैं। जेसे उनके समस्या कै समाधान होय सकै।
पंचायत भवन कै बिगड़ी स्थिति
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