प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोटबंदी का फैसला करिन रहै, जेहिके कइयौ कारन रहै, जेहिमा से एक कारन या भी रहै कि नेता चुनाव मा सबसे ज्यादा काला धन इस्तेमाल करत रहै। नेता अउर बड़े मडइन के लगे से काला धन निकलै यहै कारन नोटबंदी का फैसला करिन रहै। नोटबंदी के पचास दिन पूर होय के बाद केत्ता काला धन निकला हवै यहिकर कउनौ लेखा जोखा नही आय। अब तो चुनाव आयोग चुनाव के तारीख भी घोषित कइ दिहिस हवै। जेहिमा उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर अउर गोवा समेत पांच राज्य शामिल हवै।
उत्तरप्रदेश मा 11 फरवरी 2017 से 8 मार्च 2017 तक सात चरण मा चुनाव होइ। बाँदा, चित्रकूट, हमीरपुर, जालौन, महोबा, फतेहपुर मा 23 फरवरी का वोट डाले जइहौ। उत्तरप्रदेश मा 17 फरवरी से उम्मीदवारन के नामांकन का काम शुरू होइ जई। आदर्श आचार संहिता सबै राजनीतिक दल ,राज्य सरकार अउर केन्द्र सरकार के ऊपर तुरंतै लागू होइ जई। नोटबंदी के बाद पांच राज्य के विधानसभा चुनाव का बहुतै महत्वपूर्ण माना जात हवै। बुन्देलखण्ड के सबै 19 विधानसभा सीटन मा चुनाव होत हवै।
विधानसभा चुनाव घोषित होइ चुके हवै अब या देखे का हवै कि प्रधानमंत्री जउन नोटबंदी का फैसला करिन रहै वा केत्ता सही रहा हवै। चुनाव आयोग या दरकी उम्मीदवारन के ऊपर सख्ती देखाइन हवै जेहिमा उम्मीदवारन का चुनाव खर्चा खातिर अलग से खता खुलवावा जई। अउर 20 हजार से ज्यादा रुपिया खर्चा करै खातिर चेक दीन जई। चुनाव खर्चा खातिर उम्मीदवारन का 28 लाख रुपिया दीन जई।
नोटबंदी का फैसला करै वाले भाजपा के मुखिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुन्देलखण्ड परिवर्तन यात्रा कइके केत्ता रुपिया बर्बाद करिस होइ यहिके खातिर उंई से रुपिया लाये होइ हैं। अबै तक पचास दिना मडई नोटबंदी से परेशान रहै।नोटबंदी खतम होय के बाद अब मडई चुनाव से परेशान हवै। काहे से अलग –अलग पार्टी के नेता मडइन का तरह –तरह के भाषण अउर विकास का भरोसा दइ के लुभावत हवै। पै अब आज के जनता जागरूक होइ गे हवै देखौ वा या दरकी विधानसभा चुनाव मा केहिका वोट देत हवै।
समाजवादी पार्टी के बारे मा जनता कहत हवै कि समाजवादी पार्टी मा या समय परिवारवाद छाया हवैं। बाप,बेटा, चाचा, सबै आपस मा जूझत हवै। राज्य के मुखिया के घर के हालत इनतान के हवैं। तौ वा देश का सम्भाली।
या समय उत्तर प्रदेश मा समाजवादी पार्टी का शासन हवै। राज्य सरकार का आपन घरेलू मामला जल्दी निपटावै का चाही जेहिसे आवै वाले चुनाव मा वहिका असर न पड़ै।