नेता वा भी मड़इन के पसंद का, या बात तौ नामुमकिन लागतहवै।पै यहै नामुमकिन का मुमकिन कइके देखाइस हवै जिला चित्रकूट के रुकमा गांव का जिला पंचायत सदस्य अनिल कुमार। इनतान के नेता बहुतै कम होत हवैं। जेहिका मड़ई पसंद करत हवैं अउर आपन गुरु मानत हवैं, इनतान के नेता जनता खातिर कुछौ भी करै का तैयार रहत हवै। आओ मिलित हवै आनिल प्रधान से, वा प्रधान तौ न होय पै सबै मड़ई वहिका आपन प्रधान हवै। आनिल जिला पंचायत सदस्य आय पै वा समाज सेवा भी करत हवै।
अनिल कुमार का कहब हवै कि मजदूर, आदिवासी अउर किसानन खातिर कुछौ करै चाहत रहै हौं यहै कारन बारह के पढ़ाई के बाद 2011 मा पाठा क्षेत्र के बिजली समस्या खातिर आमरण अनशन करैहौं। तीन-चार सौ मड़ई इकट्ठा होइके पैदल चलित रहै। मोर काम मा मड़ाई बहुतै साथ देत रहै। समाज सेवा करै खातिर पंचायत सदस्य बना हौं काहे से पद मा होय से काम जल्दी होत हवै। पाठा समेत पूर बुंदेलखंड के मड़इन खातिर लड़ाई लड़े चाहत हौं, यहिके खातिर टीम बनाई जई। सबसे पहिले किसानन खातिर राष्टीय किसान जन आन्दोलन बनावा जई।
भरत श्रीवास्तव का कहब हवै कि गरीबन के दवाई करावे से लइके बीमारी मा खून अउर रुपिया दे तक का काम करत हवैं। शरद गुप्ता का कहब हवै कि अनिल गरीबन के मसीहा के नाम से जाना जात हवै, काहे से वा पाठा क्षेत्र के समस्या मा बढ़चढ़ के हिस्सा लेत हवै अउर समाज के काम भी साथ देत हवै। अतुल पाण्डेय का कहब हवै कि आनिल का मैं बचपन से जानत हौं वा बहुतै नींक मड़ई हवै, गरीबन के मदद करै मा हिचकिचात नहीं आय।
रिपोर्टर- नाजनी रिजवी
Published on Jan 28, 2018