ईरान में होने वाली नौवीं एशियाई एयरगन शूटिंग चैंपियनशिप में हिजाब पहनने की अनिवार्यता के चलते भारतीय निशानेबाज़ हिना सिद्धू ने अपना नाम वापस ले लिया है। यह प्रतियोगिता दिसंबर में ईरान की राजधानी तेहरान में होनी है।
हिना ने कहा कि वे क्रांतिकारी नहीं है, लेकिन व्यक्तिगत रूप से उन्हें लगता है कि किसी खिलाड़ी के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य करना खेल भावना के लिए ठीक नहीं है। वह कहती हैं, “एक खिलाड़ी होने पर मुझे गर्व है क्योंकि अलग-अलग संस्कृति, पृष्ठभूमि, लिंग, विचारधारा और धर्म के लोग बिना किसी पूर्वाग्रह के एक-दूसरे से खेलने के लिए आते हैं। यह खेल मानवीय प्रयासों और प्रदर्शन का प्रतिनिधित्व करता है।”
हिना ने इस साल रियो ओलंपिक में भी हिस्सा लिया था। इसमें वह 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में 14वें नंबर रहीं थी। इससे पहले साल 2013 में उन्होंनेे वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीता था।
उनके इस फैसले के बाद हर कोई जानना चाहता है कि शूटिंग प्रतियोगिता में हिस्सा न लेने का फ़ैसला आखिर उन्होंने क्यों लिया।
हिना का कहना है कि ”पहली वजह तो यह थी कि इसमें भाग लेना मेरी योजनाओं में नहीं था। मुझे अपने खेल पर ध्यान देना था। और दूसरी वजह यह थी कि इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों पर हिजाब पहनने की शर्त थी। इसे लेकर मैं सहज नहीं थी। इसलिए मैंने उन्हें इनकार कर दिया था।”
हालांकि यह पहली बार नहीं है। दो साल पहले भी ईरान में आयोजित इसी प्रतिस्पर्धा में भाग लेने से हिना ने इनकार कर दिया था।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर हिना की खूब तारीफ हो रही है। कई लोग उनके समर्थन में भी आए हैं।
यहां तक कि ईरान के सोशल मीडिया पर भी महिलाओं और पुरुषों ने भी हिना के पक्ष में आवाज बुलंद कर उनका समर्थन किया है।
निशानेबाज़ हिना के ‘हिजाब विरोध’ को मिला दुनिया भर से समर्थन
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