जिला बदायूं। 27 नवंबर को सी.बी.आई. ने बदायूं में हुई घटना पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि लड़कियों के साथ ना तो बलात्कार हुआ था और ना ही उनकी हत्या की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार दोनों ने आत्महत्या की थी। मई 2014 में दो नाबालिग बहनों की लाशें जिले के एक गांव में पेड़ से लटकती हुई मिली थीं।
सी.बी.आई. की इस रिपोर्ट से लड़कियों के परिवार वालों को भी धक्का लगा है। जून में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें दो कान्स्टेबल भी थे पर पांचों को सितम्बर में ज़मानत पर छोड़ दिया गया क्योंकि सी.बी.आई. का कहना था कि उनके पास सबूत नहीं थे।
इसके पहले भी लड़कियों के परिवार की रिपोर्ट स्थानीय पुलिस नहीं लिख रही थी। परिवार का आरोप था कि पुलिस ऊंची मानी जाने वाली जातियों के इन आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही थी।
क्यों है रिपोर्ट अजीब
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव डाले जाने के कारण, राज्य सरकार को मामले की जांच खास सी.बी.आई. को सौंपनी पड़ी। अब सी.बी.आई. की रिपोर्ट के अनुसार मामला ना ही बलात्कार का है और ना ही हत्या का। सी.बी.आई. का कहना है कि उनके पास चालीस ऐसी मेडिकल रिपोर्ट हैं जिनसे इसे आत्महत्या का मामला साबित किया जा सकता है।
सवाल ये उठता है कि पहले भी लाशों का पोस्टमार्टम हुआ था जिसके आधार पर स्थानीय पुलिस ने दोनों बलात्कार आर हत्या के तहत आरोपियों के खिलाफ मुकदमा कैसे लिखा था?