जिला वाराणसी, ब्लाक चोलापुर, गावं सुगुलपुर दलित बस्ती। इहां लगभग पैतिंस घर में दो पीढ़ी से आवास नाहीं हव। इहां के लोग के पास आवास नाही हव। इंहा के लोग के पास पहिले के घर हव उ भी ए समय गिरत हव। जेकरे वजह से इहां के लोग के बहुत दिक्कत के सामना करे के पड़त हव।
मुन्ना, हीरामनी, मीरा, रेखा, सुलचन समेत इहां के कई लोग के कहब हव कि हमने के पास रहे के घर नाहीं हव। पहिले के कच्चा घर रहल उ भी गिर गएल। मड़ई लगाके रहल जाला। जब पानी बरसला त मड़ई चुवे लगला। हमने के रहे के कउनों ठेकाना नाहीं हव। कहंा रहल जाई। हमने के पास एतना पइसा नाहीं हव कि घर बनवा लेवल जाए। गावं के प्रधान से का कहल जाई। प्रधान गावं के होके भी एतना घुस मंगलन कि कहा पाईब। हजार पाँच सौ रूपिया मंगतन त दे देईत। लेकिन दस हजार मंगियन त हमने कहाँ से ली आवल जाई।
इ सब के बारे में प्रधान काशी के कहब हव कि कउन अइसन योजना हव जेमन घुस नाहीं लगत हव। घुस त हर जहग चलत हव। लेकिन हम घुस नाहीं लेत हई। छह महीना पहिले तीस आवास के प्रस्ताव देले हई। जब सरकार के तरफ से आई तब ही ने देब।
नाहीं हव रहे के ठेकान
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