जिला वाराणसी, ब्लाक चोलापुर, गावं भवरीपुर यादव बस्ती। इहां के रेखा बतावलीन कि हम विकलांग हई। हमके कउनों सहारा ना हाले पर भी हमके विकलांग पेशन नाहीं मिलत हव।
इहां के रहे वाली चालीस साल के रेखा के कहब हव कि जब हम पांच साल के रहली त हमरे कमर में फोडा़ निकल आएल रहल। दू तीन महीना तक उ ठीक नाहीं भयल। एही में हमार कमर टेड़ा हो गएल आउर हम कमर से विकलांग हो गइली। हमार पति भी पैर से विकलांग हयन लेकिन हमने के दूनो लोग के कुछ सहारा नाहीं हव। हमार आदमी कउनों अपने करे लायक के काम कर लेलन जवन ओनके करे लायक रहला। हमार दू बच्चा हयन उ सब के भी पढ़वे लिखावे के रहला। हमने केतना बार प्रधान से भी कहली लेकिन के सुनत बा।
प्रधान पप्पू के कहब हव कि हम फार्म भर के मुहर लगा के जमा करे के कहे तो हमके नाहीं देलिन दुसरे के देलीन उ जमा कइलेस की नाहीं अब पता लगाइब कि काहें नाहीं आएल एक महीना के समय लगी।
नाहीं मिलत हव विकलांग पेंशन
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