जिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, गांव खोह। हिंया के ब्राहमण बस्ती मा दस बरस से दुई सौ मीटर नाली नहीं बनी आय। या से घरन का गन्दा पानी पूर रास्ता मा फइलत वहै गन्दा कचरा से रोज का सैकड़न मड़ई निकरत हवै।
सावित्री, रानी समेत दस लोगन का कहब हवै कि दस बरस पहिले पटिया का खड़ण्जा बना रहै। जबै बीच खडण़्जा से नाली बनी रहै। दस बरस से ज्यादा होइगा। अबै तक नाली बनावैं का प्रधान नाम नहीं लेत आय। या कारन गन्दगी से कइयौ तान की बीमारी होत हवै। गांव मा नाली खण्ड़जा पानी के विकास होइ जाये तौ गांव का सबै विकास होइगा, पै या बात का कउनौ प्रधान ध्यान नहीं देत आय।
या बात का लइके प्रधान रचना से बात कीन गे। वहिकर कहब कि ब्राहमण बस्ती मा नाली बनवावै का कोशिश कीन गे, पै हुंवा का मड़ई आपन दुवारे के चउतरिया नहीं खोदैं देत आय। या कारन नाली नहीं बनत आय। याहिनतान के दूसर समस्या
जिला चित्रकूट, ब्लाक पहाड़ी, गांव चकजाफर। हिंया पन्द्रह दिन पहिले आर.सी.सी रोड बनी हवै, पै नाली नहीं बनी आय। यहिके खातिर कइयौ दरकी प्रधान गीता से कहा गा, पै वा नहीं सुनत आय। यहै से कर्वी एस.डी.एम अभयराज का 1 अक्टूबर 2013 का ज्ञापन दिहिन हवै।
या समस्या का लइके पहाड़ी बी.डी.ओ देवेन्द्र शुक्ला से बात करिन। उनकर कहब हवै कि नाली बनै खातिर पास होइगे हवै। अगर प्रधान नाली न बनवाई तौ कारवाही कीन जई।
गांव के बाबूलाल, गौरी शंकर, राजेन्द्र अउर सुशीला का कहब हवै कि नाली न होय से मड़इन के घरन का पानी दुआरे के सउहें भरा रहत हवै। यहै से गन्दगी फइलत हवै। मच्छर भी लागत हवै। मड़ई अपने घरन का पानी कसत रोक सकत हवै। यहै से नाली बनब बहुतै जरूरी हवै। नाली बन जाये तौ हमार इं सबै समस्या खतम होइ सकत हवै। गांव के मड़ई कइयौ बार मिल के प्रधान से कहिन हवै।
प्रधान गीता देवी का कहब हवै कि गांव मा काम लाग हवै। हुंवा भी नाली बनवा देहूं। इकट्ठा तौ काम दूनौ कइती न लागी। मैं जबै से प्रधान के पद मा आई हौं। जबै कुछ काम का बजट आई तौ काम करवा दीन जई। तबै से गावं के कुछ मडई रोज शिकायत करत हवैं।
नाली न होय से होत गन्दगी
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