बातजिला वाराणसी। कहीं पेड़ के नीचे पढ़ाई होत हव त कहीं कोई के दुआरे पर होत हव। कहीं धूप में पढ़ाई होत हव। त कहीं टूटही छत के नीचे सरकार के तरफ से तमाम मरह के योजना का करे खातिर के निकलत हव। जब छोटा बच्चन ही ठीक से पढ़ाई नाहीं कर पावत हयन। सरकार त अपने अपने तरफ से छोटा बच्चन के पढ़ावे खातिर के आंगनवाणी केन्द्र के शुरूआत कइले हव। लेकिन गावं में कहीं ठीक से एकर पढ़ाई नाहीं हो पावत हव। अगर कहीं होत भी हव त उ जगह अइसन हव कि लोग अपने बच्चन के वहां भेजे में डरल करलन। कुछ अइसन हाल हव चैबेपुर के पंचायत भवन के। इ पंचायत भवन में दू आंगनवाड़ी केन्द्र चलला। जेमे करीब चालीस बच्चन पढ़ाई करलन। वहां रहे वालन विनोद राकेश बतावलन कि उ छत अइसन हव कि कोई भी समय गिर सकला। धरहरा में आंगनवाणी केन्द्र पेड़ के नीचे चलत हव त धरसौना के आंगनावाणी केन्द्र के अइसन हाल हव कि उ कब गिरी कोई नाहीं जानत। लेकिन लगत हव इ सब पर सरकार के नजर नाहीं पड़त हव। जहां से बच्चन अपने पढ़ाई के शुरूआत करत हयन। अग ओनके पढ़ाई के शुरूआत में ही अइसन माहौल रही उ का आगे पढ़ीयन आउर का आगे पढ़े के सपना देखियन।
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