जिला वाराणसी, ब्लाक चोलापुर, गावं मवइया बस्ती दलित आउर मुसलमान। इहां के इ दूनो बस्ती के बीच में करीब दस साल पहिले के पानी टंकी लगल हव। अभहीं तक चालू नाहीं भयल हव। एक टंकी आउर हव त उ हर समय बिगड़ल रहला।
इहां के चित्रकला, महेसु, सुमित्रा इ सब लोगन के कहब हव कि एक टंकी हव त उ हर समय बिगड़ल रहला। अभहीं तीन महीना से बिगड़ल रहल। के लोग एक घर से चार सौ रूपिया चन्दा लेके त बनवइलन हे। हमने के इहां त पानी के बहुत परेशानी होला। लगभग बीस घर हव इहां हैण्डप्म्प भी नाहीं हव। जब हमने प्रधान से कहल जाई त प्रधान कहियन कि हम का कर सकीला। हमरे हाथ में त नाहीं हव कि बनवाई या नया लगवा देई। पानी खातिर के त हमने के कभी कभी दूसरे गावं में भी जाए के पड़ जाला। इहां से करीब पांच सौ मीटर जाल जाई त कुछ पानी मिलला।
इ सब के बारे में जब प्रधान से पूछायल त ओनकर कहब रहल कि अभहीं तक इ टंकी चालू नाहीं भयल हव। इ टंकी खातिर के हम कई बार कहली। हैण्डपम्प खामिर विधायक त्रिभुवनराम से भी कहली। लेकिन ओन कहलन कि का होई हैण्डपम्प गावं में त टंकी लगल हव।