जिला वाराणसी, ब्लाक चिरईगावं, चोलापुर, गावं अल्लोपुर आउर रौनाखुर्द, दलित आउर राजभर बस्ती। अल्लोपुर आउर रौनाखुर्द में साल भर से मनरेगा में काम ना मिले से मजदूर परेशान हयन
अल्लोपुर के मोती, रामकिशुन, चहेटु, छोटेलाल, किशुन समेत कई मजदूर के कहब कि 27-07-2013 के चकरोड पर मनरेगा के काम लगल हव। 99 मीटर दूरी तक काम भयल हव। इ लोगन के कहब हव कि हमने के जॉब कार्ड पर हाजरी भी नाहीं चढ़त हव। हमने ग्यारह दिन काम कइले हई। अभहीं तक मजदूरी भी नाहीं मिलल हव।
इ सब के बारे में रोजगार सेवक पिन्टू के कहब हव कि मस्टर रोल पर हाजरी चढ़ाइला। आउर जाॅब कार्ड पर सप्ताह में चढ़ाइला। छह दिन के चेक कट गएल हव। आउर बाकि दिन के भी नपले के बाद चेक कट जाई। प्रधान ललित जायसवाल के कहब हव कि मनरेगा के काम लगातार होत हव आउर ओनकर मजदूरी भी समय पर भुगतान कर देवल जात हव।
कुछ अहिंसही हाल हव रौनाखुर्द गावं के। जहां साठ घर के राजभर बस्ती के आबादी में साल भर में आठ दिन काम मिलल हव। इहां के सुनीता, हीरावती, सन्तोष, मुन्न समेत कई लोगन के कहब हव कि हमने के मनरेगा में मई 2012 में काम मिलल रहल। तब से लेके अब जाके जून 2013 में खेत में समतलीकरण के काम मिलल हव। जेमन 150 मजदूर काम करत हयन। उ भी एमे केवल 15 लोग के पास जॉब कार्ड हव। बाकि लोग के पास त जॉब कार्ड भी नाहीं हव। मनरेगा त एक ठे देखावा बन के रह गएल हव।
इ सब के बारे में इहां के रोजगार सेवक पिन्टू के कहब हव कि ए समय खेत में काम चलत हव। सप्ताह भर में सबके पइसा दिला जाला। प्रधान समल धोबि के कहब हव कि मनरेगा में बजट ना रहल त काम बन्द रहल। ए समय 2013 में बजट आएल हव त खेत में समतलीकरण के काम चलत हव।
नाम के हव मनरेगा
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