बनारस। बनारस को साफ करने की सारी कोशिशें नाकाम होती जा रही हैं। कूड़ा-कूड़ा हुए बनारस को स्वच्छ बनाने की कोई भी योजना सफल नहीं हो रही है।
अभी हाल ही में कुछ दिन पहले एक योजना लाई गई थी जिसमें सड़क के किनारे कूड़ेदान में ही एक ऐसी मशीन लगाई गई थी जो कूड़े को जलाकर खत्म कर देती थी। उस जले हुए कूड़े से ईंट बनाई जाती थी। इसे बनारस के गोदौलिया चैराहे पर रखकर आज़माया गया। लेकिन यह कोशिश नाकाम साबित हुई। एक और योजना बनी। इसमें मुंबई से कुछ मैजिक बाॅक्स मंगाए गए थे। इस मैजिक बाक्स में सब्जि़यों और फलों के छिलकों को कुछ दिन तक रखने से खाद बन जाती थी। लेकिन नगर निगम की यह कोशिश भी कुछ खास नहीं कर पाई। लोगों ने इसका इस्तेमाल ही नहीं किया।
बनारस में करीब 600 मेट्रिक टन कूड़ा रोज़ निकलता है। बनारस नगर आयुक्त श्री हरि प्रताप शाही ने बताया कूड़े के निस्तारण के लिए लगातार काम हो रहा है। कुछ हद तक सफल भी हुए हैं। विशेषज्ञों से राय ली जा रही है। जहां तक बात है योजनाओं के असफल होने की तो कोई योजना तभी सफल होगी जब उसे लागू करनेवाली संस्था और आम जनता के बीच में अच्छा तालमेल होगा। नगर आयुक्त ने नगर निगम में अधिकारियों के साथ मीटिंग की। और कहा कि बनारस को स्वच्छ रखने के लिए नागरिकों के भी सुझाव लिए जाएं। मोहल्ले-मोहल्ले में बैठक करके लोगों से बात करके उन्हें स्वच्छता के बारे में जागरूक करके उनके सुझाव लिए जाएं।