जिला चित्रकूट, ब्लाक रामनगर, गांव खटवारा। हिंया के कइयौ मड़ई कहिन कि हमार नौ बिगहा जमीन 2011 मा पूर्व डी.एम. दलीप कुमार कांशीराम कालोनी बनवावैं खातिर लीने रहैं। कहत रहैं कि जमीन दइ देव। तुमका जमीन के बदले मुआवजा दीन जई। अबै तक जमीन का मुआवजा नहीं मिला।
गांव के महावीर, रामचन्द्र, श्रीपाल अउर लक्ष्मी दत्त का कहब हवै कि हमार काश्तकारी जमीन आय। गाटा संख्या 35-45 अउर रक्बा संख्या 1.776 हवै। कंाशीराम कालोनी खातिर सरकार हमार जमीन एक लाख रूपिया बिसुवा के हिसाब से खरीदिस रहै। तीन साल होइगें अबै तक सरकार कइती से मुआवजा नहीं मिला। 2011 से अबै तक मा हम अट्ठारह हजार रूपिया कागजी काम मा खर्च कइ चुके हन। हाईकोर्ट मा मुकदमा लगा दीने हन तौ हुंवा से 3 जुलाई 2012 का कालोनी बनावैं मा स्टे लाग गा हवै। कालोनी बनै मा तबै तक रोक लाग रही जबै तक मुआवजा का फैसला न होइ। यहिसे कालोनी अधूरी हवैं। जबै तक सरकार मुआवजा न देइ तबै तक कालोनी न बनै देबे।
प्रधान रामनाथ यादव कहिस कि वा जमीन ग्राम पंचायत के रहै। वहिमा तालाब बना रहै। उंई झूठ बोलत हवैं।
कालोनी बनवावैं वाले ठेकेदार अशोक जाटव कहिस कि नौ करोड़ रूपिया कालोनी खातिर आवा रहै। वहिमा से पांच करोड़ रूपिया खर्चा भा हवै। फैसला के कारन कालोनी भी अधूरी हवै। रामनगर एस.डी.एम. अभयराज कहिन-“वा जमीन महावीर,रामचन्द्र,श्रीपाल अउर लक्ष्मीदत्त के नाम नहीं आय। हुंवा तालाब रहै।”
लखनऊ आवास विकास अधिकारी से खबर लहरिया पत्रकार से फोन मा बात करिन। उंई कहिन कि कालोनी का फैसला हाईकोर्ट से होइ। फैसला के बाद जहां कालोनी बनत हवै। हुंवा बनी। यहिके बाद तालाब के जमीन उनका मिली।
नहीं मिला जमीन का मुआवजा
पिछला लेख