जिला बांदा, कस्बा नरैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र। हेंया 29 जनवरी का नसबंदी कैम्प मा तिहत्तर औरतें नसबंदी करावैं आई रहैं। औरतैं अउर आशा कहिन कि नसबंदी तौ होई जात है, पै रुपिया जल्दी नहीं मिलत आय।
सकतपुर के गीता बतावत है-“मैं दिसंबर के महीना मा नसबंदी कराये हौं। रुपिया अबै तक नहीं मिला आय।“ पंचमपुर के सोनिया बतावत है कि मैं नवम्बर 2014 का नसबंदी कराये हौं, रुपिया नहीं मिला।
पंचमपुर आशा ऊषा कहत है कि मैं नवम्बर से जनवरी तक मा आठ केस ला चुकिव। कइयौ औरतन का मैं खुद से रुपिया दीने हौं।
नरैनी चिकित्सा अधीक्षक ए.के. सिंह कहत हैं कि या साल नसबंदी का रुपिया बढ़ के आवैं का है। बाबू के पास नसबंदी करावैं वाली औरतन के लिस्ट है।
नरैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बाबू राम किशोर पटेल कहिन कि अप्रैल 2014 से जनवरी 2015 तक मा तीन सौ छांछठ नसबंदी के मामला आये हैं। एक नसबंदी केस मा दुई हजार रुपिया खर्च होत है। चैदह सौ नसबंदी करावैं वाली औरत, दुई सौ आशा, चार सौ दूसर खर्च जेहिका बजट आठ लाख रुपिया है, पै साढ़े तीन लाख रुपिया आवा है। फरवरी 2015 का रुपिया अब बांटा जई।
नसबंदी का नहीं मिला रुपिया
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