सिगरेट के बुझे हुए टुकड़े आपको कूड़ेदान के अलावा, कहीं भी देखने को मिल जायेंगे। सिगरेट का यह कचरा वातावरण के लिए बेहद हानिकारक होता है। सिगरेट का यह टुकड़ा जिसे ‘बट’ कहा जाता है यह हर साल 4।5 खरब पाया जाता है। यह पोलिमर नाम के एक ऐसे पदार्थ से बना होता है जिसे नष्ट होने में 18 महीनें से 10 साल तक लग जाते हैं।
इस ‘बट’ से बचाने के लिए नमन गुप्ता और विशाल कांत ने एक रासायनिक प्रक्रिया खोज निकाली है जिसके द्वारा यह पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए दोबारा काम में लिए जा सकेंगे। इसके लिए उन्होंने सिगरेट के टुकड़ों को इकट्ठा करना शुरू किया और उसमें से बचा तम्बाकू निकाल कर, बचे हुए पोलिमर को भर कर बनाये जाने वाले खिलौनों में और बैठने के लिए बनाये जाने वाले आरामदायक गुदगुदे सोफे में भर कर इस्तेमाल किया।
यही नहीं, उन्होंने टुकड़ों से बचे तम्बाकू को खाद के रूप में इस्तेमाल करना बताया। इस प्रयास में नमन और विशाल की कम्पनी ने पिछले दो महीनें में 35 किलोग्राम सिगरेट के टुकड़े इकट्ठे किये हैं। पिछले 20 दिनों में अकेले 15 किलोग्राम प्राप्त किया है।
फोटो और लेख साभार: यूथ की आवाज़