जिला बांदा, ब्लाक महुआ, खुरहण्ड गल्ला मण्डी। हेंया तीन धान खरीद केन्द्र मा सिर्फ दुई ही चालू हैं। ऊपर से किसानन का धान दिसंबर 2014 से तउलैं खातिर परा है। 12 जनवरी का पन्द्रह सौ कुन्तल धान का ढेर तउल करैं का परा रहै।
खुरहण्ड का किसान गोविन्द सिंह का कहब है-“आज 12 जनवरी 2015 है। मोरे भाई श्याम सिंह के नाम 3 दिसंबर 2014 का धान बेचैं के पर्ची कटी रहै। आज तक लगभग अस्सी बोरा धान तउलैं खातिर भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता संघ (एन.सी.सी.एफ.) केन्द्र मा लाग है। प्रभारी कहत है कि केन्द्र मा बोरी ही निहाय। ऊपर से धान खरीद का सरकारी रेट तेरह सौ साठ रूपिया है। केन्द्र प्रभारी किसानन से बारह सौ तीस रूपिया मा खरीदत हैं अउर धान मिल मा तेरह सौ साठ रूपिया का बेचत हैं। यहिनतान खुरहण्ड के बुडकू का लगभग सौ बोरी, सुधीर का लगभग पचहत्तर बोरी अउर दिनेश का लगभग दुई सौ बोरी धान तउलैं का परा है।”
एन.सी.सी.एफ प्रभारी भुनेश्वर द्विवेदी कहिन कि सिर्फ दुई दिन से धान तउल बंद है। ठण्डी के कारन किसान खुदै तउल करावैं नहीं आवत। कइयौ किसान के धान गीले हैं, सफाई निहाय, मिट्टी बहुत है। इनतान का धान सरकार नहीं लेत तउल करैं का बहुत देरी नहीं लागत। भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता संघ (एन.सी.सी.एफ.) मूल्य समर्थन योजना केन्द्र अउर कल्याण निगम-इं केन्द्र अनाज का किसानन से खरीदत हैं अउर सरकार तक पहुंचावत हैं। धान खरीद केन्द्र 1 अक्टूबर से खोल के 31 जनवरी तक मा बंद कई दीन जई। खुरहण्ड मण्डी मा तीनौं केन्द्र का चार-चार हजार कुन्तल तउल करैं का लक्ष्य दीन गा है। 12 जनवरी तक मा एन.सी.सी.एफ. बारह सौ कुन्तल, मूल्य समर्थन योजना केन्द्र मा दुई हजार पांच सौ चालिस कुन्तल तउल होई चुकी है। तीसर केन्द्र कल्याण निगम तौ खुला ही नहीं। धान खरीद बंद होय के कुछ ही दिन बचे हैं। सवाल या उठत है कि जब तीन महीना मा तउल का लक्ष्य आधा नहीं भा तौ पन्द्रह दिन मा लक्ष्य कसत पूरा होई पाई?
धान तउल न होय के शिकाइत
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