3 जुलाई को इराक़ देश की राजधानी बग़दाद में हुए दो बम धमाकों में मरने वालों की संख्या 213 हो गई है। इराक़ सरकार ने इन धमाकों में बड़ी संख्या में लोगों की मौत के बाद तीन दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है। इस हमले को 2007 के बाद इराक़ में सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।
बग़दाद के कराडा ज़िले में एक विस्फ़ोटकों से भरी लॉरी से एक भोजनालय के पास धमाका किया गया। धमाके के वक्त रमज़ान में रोज़े रखने वाले लोग वहाँ बड़ी तादाद में मौजूद थे।दूसरा धमाका बग़दाद के उत्तर में स्थित शिया लोगों के एक इलाक़े में हुआ, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई है।
कराडा एक शिया बहुल इलाका है. यहां हुए शक्तिशाली विस्फोट से कई दुकानों, स्टॉलों और कारों में आग लग गई. यहां ईद की खरीदारी करने वालों की भारी भीड़ थी. ये लोग रोजा खोलकर यहां खरीदारी करने पहुंचे थे.
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ऑनलाइन बयान जारी कर इस वारदात की जिम्मेदारी ली है. उसने कहा है कि उसने जान बूझकर शिया समुदाय को निशाना बनाया है. लेकिन, इस बयान की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है.
पहले इस्तांबुल के हवाई अड्डे पर, फिर ढाका के एक रेस्तरां में और उसके बाद बगदाद के बाजार में आतंकी हमले हुए. ये सभी दुनिया के अलग अलग कोनों में जरूर हैं लेकिन इन तीनों में एक आम बात है. सभी हमले रमजान के महीने में किए गए और सभी में ज्यादातर जानें मुसलमानों की ही गईं.
प्रधानमंत्री हैदर अल अबादी ने कहा है कि गुनहगारों को हर हालत में सजा दी जाएगी. हालांकि इस हमले के बाद से अल अबादी सरकार की भी निंदा हो रही है.