जि़ला लखनऊ, थाना पारा, गांव डाॅक्टर खेरा। यहां 13 सितंबर की सुबह करीब छह बजे घर में धमाका हुआ। इसमें घर में मौजूद तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार यह धमाका पटाखा बनाने वाले बारुद के कारण हुआ है, उधर धमाके वाले घर में काम करने वाले एक पुराने नौकर ने इस ओर भी इशारा किया कि यह धमाका दुश्मनी का नतीजा भी हो सकता है।
धमाके में घर के मालिक जुम्मन, उनकी पत्नी कमर, सोलह साल की बेटी सिमरन की मौत हो गई। जुम्मन के पड़ोसी सूरज पाल सिंह ने बताया, ‘धमाके के समय मैं अपने घर के बाहर ही खाट डालकर बैठा था। इतना ज़ोर का धमाका हुआ कि चारों तरफ धुआं-धुआं हो गया और घर मलबे में बदल गया। मैंने ही पुलिस को फोन किया। जुम्मन अच्छा आदमी था। वह बंथरा का रहने वाला था यहां उसका ससुराल था। जब उसके साले की मौत हो गई तो वह यहीं आकर रहने लगा। यहां उसकी बहुत खेती-बाड़ी थी।’ गांव के लोगों का कहना है कि वह बेहद मिलनसार था। मगर घर के अंदर क्या करता था यह किसी को नहीं पता था। हालांकि पुलिस ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार वह लोगों से कम ही मिलता-जुलता था। सुबह वह दुकान पर निकल जाता था और शाम को आता था।
जुम्मन के घर काम करने वाले रामकृष्ण ने बताया, ‘मैं यहां लगभग सात सालों से काम कर रहा था। जानवरों की देखभाल का जि़म्मा मेरा है। सुबह आठ बजे आता था दो घंटे रहकर चला जाता था। फिर शाम को चार बजे आता था और छह बजे जाता था। वह शादियों और दीवाली जैसे त्योहारों में आतिशबाज़ी बेचने का काम करता था। मगर वह थोक आतिशबाज़ी खरीदकर लाता था। घर में रात में क्या होता था यह तो सही-सही नहीं कह सकता। मगर जुम्मन की बंथरा की ज़मीन का केस चल रहा था। यह ज़मीन करोड़ों की थी। इस चक्कर में उसकी बहुत दुश्मनी भी थी। यह कौन जानता है कि दुश्मनी में भी किसी ने बम रखा हो या बारुद रखकर धमाका करवाया हो।’
एस.ओ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मकान में चोरी छिपे पटाखे बनाए जा रहे थे। वहां बारुद के कुछ अंश मिले हैं। जांच के लिए इन्हें भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकता है।