जिला बांदा, कस्बा बांदा हेंया या दरकी चुनाव का जोर शोर सुनाई नहीं पड़त आय। चुनाव प्रचार येत्ता धीमे काहे चलत है। चुनावी धंधा मा डी.जे मंडी ठंड पड़े है। गािड़न के बुकिंग भी नहीं होत आय। काहे से सरकार या दरकी आचार संहिता मा ज्यादा जोर शोर से प्रचार करै का मना करिस हैं।
ट्रांसपोर्ट के धर्मेद का कहब है कि पहिले चुनाव मा ज्यादा गाना बाजत रहै है ज्यादा ताम झाम होत रहै पै अब या दरकी चुनाव प्रचार बिलकुल ठण्ड है। पहिले एक पार्टी के पीछे दस-दस गाड़ी चलत रहै चाहे वहिका दुइ मड़ई बस बइठ होय। उम्मीदवारन के बीच पहिले मुकाबला बहुतै होत रहा हैं। प्रशासन के कठिन नियम के कारन चुनाव प्रचार होत है।
आचार संहिता के कारन चुनाव प्रचार कम देखात है। पै अंदर-अंदर सगले चुनाव प्रचार होत है। उम्मीदवारन के घरन के कूड़ा मा बिसलेरी के बोतल ज्यादा देखाई देत है।
राजनीति शास्त्र के टीचर लक्ष्मी त्रिपाठी का कहब है कि कउनौ भी चुनाव होय वहिमा रुपिया का ज्यादा महत्व दीन गा है। राजनीति मा नेता रुपिया कमावै का साधन मात्र रहि गा है।
रिपोर्टर- मीरा देवी
Published on Feb 20, 2017