जिला महोबा, ब्लाक कबरई, गांव शाहपहाड़ी। एते के भागवती की शादी तीन साल पेहले पलका गांव में तुलसी दास के साथे भाई हती। दो साल से महोबा कार्ट के चक्कर काटत हे।
भागवती कहत हे शादी के बाद से तुलसीदास जान से मारे में लगो हतो। चार-चार दिन खाना न देत हतो। हाथ बाध के मारत हतो। कहत हतो की जा बात कोनऊ से बताहे तो पानी डूबे के बाद भी न बचहे। एक साल तक मायके नई आउन दओ। जभे तीन महीना को बच्चा पेट में हतो, तो पेट में लात मारत हतो। कहत हतो अपने मताई, बाप से रुपइया लाओ मोटर साइकिल खरीदने हे। मेंने डाक्टर खा दिखाओ तो बच्चा आपरेशन से मरो निकरों हतो। एई से मायके मे रहत हो ओर खाना खर्चा को मुकदमा लगायें हो।
आदमी तुलसीदास कहत हे की भागवती बात न मानत हती, एई से लड़ाई होत हती। मे लिवा जायें खा तैयार हो ऊ खुद नई जात हे।
दो साल से लगाउत कोर्ट के चक्कर
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