भारत। 1 अप्रैल 2013 से अब तक देश में छह सौ लोगों की मौत गर्मी के कारण हो चुकी है। दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश राज्य और पूर्व में उड़ीसा की सरकार ने इस साल बढ़ती गर्मी और उसके असर को देखते हुए केंद्र सरकार से इसे प्राकृतिक आपदा करार देने की मांग की है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जो देश में प्राकृतिक आपदाओं पर नज़र रखते हैं) का कहना है कि इन राज्यों की इस मांग पर विचार किया जा रहा है। आंध्र प्रदेश के आदिलाबाद और करीमनगर जिलों में छियालिस डिग्री के तापमान में तिरालिस लोगों की मौत इस ही साल हुई है। उड़ीसा राज्य के मुख्यमंत्री ने केंद्र योजना आयोग को लिखित में कहा है कि गर्मी को प्राकृतिक आपदाओं की सूची में शामिल किया जाना चाहिए। जहां आज की तारीख में गर्मी से मौत होने वालों के परिवारजनों को पचास हज़ार का मुआवज़ा दिया जाता है, वहीं इसे प्राकृतिक आपदा माना गया तो डेढ़ लाख मुआवज़ा दिया जाएगा।
देश में तेज गर्मी से हुई मौतें
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