देशभर से करीब तीन लाख से ज्यादा मजदूर 9 से 11 नवंबर तक दिल्ली में संसद भवन के बाहर डेरा डालेंगे और वहां महापड़ाव होगा।
इस आंदोलन में मजूदर यूनियन समेत अन्य 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन से जुड़े और हिमाचल से भी सैकड़ों मज़दूर हिस्सा लेंगे और महापड़ाव का हिस्सा बनेंगे।
मजूदर यूनियन की राज्य कमेटी की यहां हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बैठक में केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ राज्यभर में आंदोलन करने का भी फैसला किया गया।
मजूदर यूनियन के राज्य सचिव प्रेम गौतम ने कहा कि मजदूरों का न्यूनतम वेतन 18000 रुपए करने और केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ व श्रम कानूनों में परिवर्तन के खिलाफ 9 से 11 नवंबर तक दिल्ली में देशभर से लाखों कामगार जुटेंगे।
उन्होंने कहा कि मजदूरों का वेतन कम से कम 18000 रुपए किया जाए। आंगनबाड़ी, मिड–डे–मील, आशा जैसी योजनाओं में तैनात मजदूरों को पक्का किया जाए। इसके साथ–साथ समान कार्य का समान वेतन दिया जाए और सभी मजदूरों को स्वास्थ्य बीमा योजना व स्वास्थ्य कवर के तहत लाया जाए।
गौतम ने कहा कि सभी निर्माण मजदूरों व मनरेगा मज़दूरों का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने चेताया कि अगर मज़दूरों को न्याय न दिया गया तो आंदोलन तेज होगा।