मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी एक ताज़ा सर्वे के दौरान देश के 700 जिलों में 1.1 लाख स्कूलों के लगभग 22 लाख बच्चों से सवाल–ज़वाब किए गए।जिसके अनुसार देश की शिक्षा व्यवस्था बदतर हालातों से गुजर रही है। खोज बतलाता है कि बच्चे जैसे–जैसे बड़ी कक्षाओं में पहुंचते हैं भाषा और गणित पर उनकी पकड़ कमजोर होती जाती है।
इस खोज के दौरान कक्षा तीसरी के 67.7% बच्चों ने भाषा से संबंधित प्रश्नों के सही उत्तर दिए। लेकिन पांचवीं कक्षा के 58.4% और आठवीं के 56.7% बच्चे ही ऐसा कर पाए। यही हाल गणित से संबंधित सवालों का रहा। इसमें सही ज़वाब देने वाले तीसरी कक्षा के बच्चों का प्रतिशत जहां 64.3 था तो पांचवीं और आठवीं में यह घटकर क्रमश: 54.14 तथा 42 ही रह गया।
खोज के शुरूआती नतीज़ों के विश्लेषण से यह भी सामने आया है कि लड़कों के बजाय लड़कियों के प्रदर्शन का स्तर बेहतर है। ऐसे ही शहरों के सरकारी या सरकार से मदद प्राप्त स्कूलों तुलना में ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे इन विषयों में हर स्तर पर ज़्यादा अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
इससे यह धारणा भी टूटती नज़र आती है कि ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरों में शिक्षा–शिक्षण की गुणवत्ता बेहतर है। वहीं राज्यों के हिसाब से कर्नाटक और राजस्थान जहां सबसे बेहतर पाए गए हैं तो अरुणाचल प्रदेश सबसे निचले पायदान पर है।