भारत में तीसरे जेंडर यानी महिला या पुरुष के अलावा किसी व्यक्ति को सरकारी पद देने वाला पहला राज्य बना छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़। राज्य सरकार ने एचआईवी विभाग में नोडल अधिकारी के तौर पर किन्नर अमृता अल्पेश सोनी की नियुक्ति की है। अमृता अल्पेश सोनी ने मुंबई से मानवसंसाधन विषय में एम.बी.ए. किया है।
अमृता अल्पेश सोनी ने बताया कि उन्होंने किन्नरों के लिए माडलिंग की, परंपरागत किन्नरों की तरह नाच गाकर अपना पेट भरा, सेक्स वर्कर के तौर पर काम किया। अमृता अल्पेश महाराष्ट्र के सोलापुर शहर की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि बचपन में मेरी मां के सिवाए मेरे बाप सहित दूसरे रिश्तेदारों ने केवल मुझे झिड़क ही दी। एक दिन तो मेरे चाचा मुझे दिल्ली ले आए। उन्होंने मां से कहा कि इसका इलाज कराएंगे शायद ठीक हो जाए। पर यहां लाकर वह मेरा यौन शोषण करने लगे। किसी तरह बारहवीं पास किया। घर लौटी तो सबको यह आपबीती सुनाई पर किसी ने नहीं सुनी। उलटे मुझे घर से निकलने को कहा। मैं पुणे आ गई। जहां मैं ट्रांसजेंडरों के लिए काम करने वाली एक संस्था के साथ रही। इसके बाद कुछ दिन मैंने किन्नर समुदाय के साथ रहकर उनका परंपरागत पेशा भी अपनाया। लेकिन बाद में मैंने पढ़ने का फैसला किया। मैंने दिल्ली के जामिया मिलिया कालेज में प्रवेश लिया। वहां से अपनी पढ़ाई पूरी की।