उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान पर जवाबी कार्यवाही करते हुए भारत की तरफ से ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को अंजाम दिया गया। हालांकि यह पहली जवाबी कार्यवाही नहीं थी लेकिन तथाकथित राष्ट्रवादियों ने इसे “पहला-पहला” कर ‘तिल से ताड़’ बना दिया।
इस झूठी वाहवाही के बाद देश के आगामी चुनावी क्षेत्रों में एक विशेष राजनैतिक पार्टी ने इसका लाभ लेना शुरू कर दिया है।
2017 के यूपी चुनाव करीब आता देख भाजपा ने पाकिस्तान को मुद्दा बना कर राजनीति खेलना शुरू कर दिया है। बीते सप्ताह नवरात्रों के बीच बाँदा जिले में देवी के भजनों के बाद पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए गये! सिर्फ यही नहीं, उत्तर-प्रदेश के कई जिलों में पाकिस्तान को घर में घुस कर मारने और भड़काऊ भाषण दे कर, पार्टी के नेता, लोगों को उकसा रहे हैं। यह वही लोग हैं जो मुज्जफरनगर दंगों को भी चुनावी हथियार बनाने से नहीं चुके थे!
बताते चलें कि सेना के कई बड़े अफसरों ने जब इस बात का खुलासा कर दिया है कि सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्यवाही पहले समय-समय पर होती है, फिर भी भाजपा पार्टी इसे अपनी पार्टी का विशेष योगदान बता कर लोगों को बरगला रही है।
सोचने वाली बात यह है कि इस तरह की झूठी खबरें फैला कर सिर्फ एक पार्टी अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहती है। जबकि इन खबरों से पूरे देश का भविष्य जुड़ा है। लोग बातों में आ कर मुसलमानों से नफरत करने लगते हैं, उन्हें अपने घरों, मोहलों और देश से निकाल दिए जाने की बात करते हैं। सिर्फ यही नहीं, पिछले दिनों पाकिस्तानी कलाकारों को भारत से बेदखल करने और उन्हें यहाँ से भगाए जाने की खबरे आम रही हैं। यह सब देश में अशांति और असामाजिकता को जन्म देता है।
क्या यह स्वार्थी पार्टियाँ एक विविधता से भरे देश को दो खेमे में बाँटना चाहती हैं? देशभक्ति के नाम पर लोगों को लड़ाना और खूनखराबा होना जरुरी है?क्या लोगों की समझ इतनी कमजोर हो गयी है कि उन्हें कोई भी बहका सकता है?
देशभक्ति के नाम पर लोगों को बाँटने में लगीं राजनैतिक पार्टियाँ…
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