जिला सीतामढ़ी, प्रखण्ड रीगा, पंचायत मेहसीया ,गांव दोघरा टोला। उहां वार्ड नम्बर पन्द्रह में लगभग साठ घर हई। लेकिन उहां आई तक विद्यालय न हई। जेई कारण सबसे ज्यादा दिक्कत छोट बच्चा सब के पढ़े जाय-आवे में दिक्कत होई छई। जबकि उ टोला बहुत दिन से बसल हई।
उहां के फेकन यादव, देवनरायण यादव, विरेन्द्र राउत, जयराम सहनी कहलथिन कि इ टोला बहुत दिन से बसल हई लेकिन इहां कोनो विकास के काम न भेल हई। अभी एक दु बेर से मुखिया बनई छई त उ लोग एक दु गो चापाकल अउर मिट्टीकरण कुछ करवलथिन। ओई से पहिले विकास के लेल सरकारी काम कोनो न भेल रहलई। आई तक इहां न आंगनवाड़ी हई, न विद्यालय हई। इहां के बच्चा दु किलोमिटर दूर दोहरा बाजार पर पढ़े जाई छई। जेई कारण छोट बच्चा न जा पवई छई। जे बच्चा पढ़े जाई छई ओकरो लेल बहुत दिक्कत होई छई। गाड़ी-घोड़ा से लेके धूप-वर्षात के समय आवे जाये में अउर दिक्कत होई छई। एक बेर 2009 में जिला पारिषद के फण्ड से विद्यालय पास भेल रहई। लेकिन उहो न बनलई। शिक्षक भी दु गो बहाल हई लेकिन प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी के आदेश न होई छई। जेई कारण पढ़ावे भी न अबई छई। शिक्षक अईतीयई त कोनों जगह बईठ के त बच्चा के पढ़ाई होतियई।
प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी इस्लाम अंसारी कहलथिन कि जमीन हई लेकिन नापी न होये (सीमांकन) के कारण विद्यालय न बन रहल हई।
अंचल अधिकारी जमीन देखे गेल रहलथिन। जब नापी हो जतई त उहां शिक्षक के पढ़ावे के लेल भेजल जतई।
दु किलामीटर दूर पर हई स्कूल
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