जनता के हित में काम करने वाला दुनिया का नंबर वन कार्यक्रम है भारत का महात्मा गांधी ग्रामीण रोज़गार गारंटी कार्यक्रम। ऐसा विश्व बैंक की स्टेट सोशल सेफ्टी नेट्स, 2015 की रिपोर्ट में कहा गया है।
यह कार्यक्रम देश की पंद्रह प्रतिशत आबादी को सामाजिक सुरक्षा देता है। जबकि इंदिरा गांधी वृद्ध पेंशन नकद भुगतान करने वाली दुनिया की दूसरे नंबर की बड़ी योजना है। सोशल सेफ्टी नेट प्रोग्राम यानी लोगों को सामाजिक सुरक्षा देने वाले कार्यक्रम में एक सौ बीस विकासशील देशों ने 2010 से 2014 के बीच मिलकर तीन सौ उनतिस बिलियन डॅालर खर्च किए हैं। इसमें भारत का बड़ा हिस्सा है। मिड डे मील योजना की बात करें तो इसमें साढ़े दस करोड़ लोगों को सीधा फायदा होता है। इसके बाद जननी सुरक्षा योजना में करीब अट्ठारह करोड़ लोगों को फायदा पहुंचता है। विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष जिम योंग ने रिपोर्ट जारी करते वक्त कहा कि दुनिया के देशों को लोगों को सामाजिक सुरक्षा देने वाले कार्यक्रमों को और तेज़ी से शुरू करना चाहिए। पुराने कार्यक्रमों का मूल्यांकन और नए तरह की चुनौतियों को जानने के बाद हमें नई योजनाएं बनानी चाहिए।
अभी हाल ही में बनी नई भाजपा सरकार में मनरेगा योजना की खूब आलोचना हुई थी। कुछ जगहों पर तो इसे बन्द करने की तैयारी भी हो चुकी थी। हालांकी केन्द्र सरकार के इस कदम की विपक्ष और विशेषज्ञों द्वारा आलोचना होने के बाद सरकार को इस योजना को जारी रखने की घोषणा करनी पड़ी।