उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रयागराज कुंभ की तैयारी शुरू कर दी है। यूनेस्को की सूची में शामिल हो चुके कुंभ मेले की तैयारियां देखते ही बनती हैं।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज कुंभ का लोगो जारी करते वक्त कहा था कि कुंभ में सबसे बड़ा आयोजन प्रयागराज में होता है। इसके बाद हरिद्वार, नासिक और उज्जैन है।
इस लोगो के लिए एक लाइन भी लिखी गयी है, ‘यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा।‘ कुंभ मेले को यूनेस्को ने अमूल्य धरोहर के रूप में मान्यता भी दी है।
उम्मीद है कि 2019 में कुंभ में पवित्र स्नान के लिए प्रयाग आने वाले लोगों की संख्या 12 करोड़ होगी।
कुम्भ का आयोजन प्रयागराज में संगम के तट पर होता है। संगम को त्रिवेणी भी कहा जाता है। इसका ऐतिहासिक महत्व है।
राज्य सरकार कुम्भ 2019 को सफल बनाने और इसकी ब्राण्डिंग के लिए सारे प्रयास कर रही है। इसकी सभी तैयारियां शुरु हो चुकी हैं। पर्यटन विभाग द्वारा शुरू किया गया पोर्टल पर्यटकों के लिए बहुत ही सुविधाजनक होगा। इस पोर्टल पर यूपी के सभी महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को सूचीबद्ध करके डाला जाएगा। उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीमित सम्भावनाएं हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए पर्यटक पुलिस का गठन किया जायेगा।
वैसे तो साल 2019 में प्रयाग में अर्धकुंभ लगना था, लेकिन अब सरकार ने अर्धकुंभ की जगह इसका नाम कुंभ कर दिया है, जो हर छह साल में लगता है। वहीं, हर 12 साल में लगने वाले कुंभ का नाम बदलकर महाकुंभ कर दिया गया है।
दीवाली के बाद, योगी सरकार ने अब ली महाकुंभ के भव्य आयोजन की तैयारियां
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