खबर लहरिया खेल दिवाली पर देवारी

दिवाली पर देवारी

16-10-14 Banda - Dewaari Naach for webउत्तर प्रदेष के बुन्देलखण्ड के बांदा, चित्रकूट और महोबा में दीपावली के समय लोग देवारी के नाच का खेल खेलते हैं। पुरखों का यह खेल एक पाराम्परिक खेल है। लोगों में मानता है कि जब श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत अपनी छोटी उंगली पर उठाया था तो यादव समुदाय के लोगों ने देवारी का खेल खेल कर उनको खुष किया था। कारण जो भी हो, आजकल भी कई समुदायों के लोग इस खेल को मज़े से खेलते हैं।
बांदा जिला, गांव कालिंजर के छोटे ने बताया, ‘इस समय हमारे गांव में चालीस लोगों की टीम है। खेल देखने गांव के बच्चे, बूढ़े सब इकट्ठा होते हैं। देवारी खेल को लाठी और डन्डों को आपस में लड़ा कर खेलते हैं। इसे बारह अलग तरीकों से खेला जा सकता है। लोग रंग बिरंगे कपड़े और पांव और कमर में घुंघरू पहनते हैं। साथ में ढोल नगाडे़ के साथ बाजा की अलग कमेटी होती है। जब लाठियां चटकना षुरू होती हैं, बाजे की ताल हौंसला बढ़ाती है।’ गांव के संतोष ने बताया, ‘खेल को देखने आए लोगों की तालियां बजती हैं तो खेलने का जोष दुगना हो जाता है। गांव के लोग कई बार इनाम दे कर सम्मानित भी करते हैं तो और अच्छा लगता है।’
बिसन्डा ब्लाक, गांव मरौली के फदाली ने एक और खास बात बताई – इस खेल को खेलते समय खिलाड़ी आपस में बात नहीं करते हैं और बिल्कुल मौन रहते हैं।