लगभग एक वर्ष के बाद दिल्ली सरकार ने प्रस्तावित दिल्ली शिकार मुआवजा योजना 2015 में मुआवजा बढ़ा कर योजना पारित कर दी गई है। इसमें यौन उत्पीड़न, एसिड हमलों और दुर्घटनाओं को शामिल किया गया है।
राजपत्र अधिसूचना 23 दिसंबर 2016 को गृह विभाग द्वारा जारी किया गया था। इस नई योजना में अप्राकृतिक सेक्स, एसिड हमले और बलात्कार सहित विभिन्न अपराधों को भी मुआवजे के लिए शामिल किया गया था।
अप्राकृतिक यौन अपराध के पुरूष शिकार को इसमें शामिल नहीं किया गया था। दिल्ली उच्च न्यायालय का मानना था कि यौन शोषण के शिकार लड़के योजना 2011 के अंतर्गत मुआवजे के काबिल नहीं हैं।
वहीँ, एसिड हमले की शिकार का चेहरा उसका या 50% से अधिक शरीर विकृति हो जाता है तो मुआवजा के रूप में उसे 3-7 लाख रुपये मिल सकते हैं। इसके अलावा, सामूहिक बलात्कार की शिकार महिलाओं को मुआवजे देने के लिए एक नया प्रावधान इसमें जोड़ा गया है।
प्रावधान के तहत, पीड़िता अपने भुगतान को दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के “आम कानून प्रथाओं” की किसी भी निचली शाखा से भी ले सकती है।