जिला वाराणसी, ब्लाक चिरईंगांव। इहां के बिटिया ननीहाल से अपने नाना के साथे आवत रहलिन। आउर रास्ते में उनकर अपहरण हो गएल।
लइकी बतइलिन कि हमार नाना साइकिल से आवत रहलन आउर हमसे कहलन कि तू साइकिल पर अपने सात महीना के बच्चा के लेके कइसे बइठबू तू गाड़ी से आवा। हम कहली कि आगे चल के हम गाड़ी पर बइठीला। तबहीं एक ठे छोटकी मारूती आइल हमसे कहला कि आवा तू जहां कहबू हम तोहके पहुंचा देब। हम नाहीं जात रहे। लेकिन उ सब जबरदस्ती हमार बच्चा छीन के हमके रजवाड़ी कोथी बगईचा में ले गइलन। हमरे बच्चा के लेके हमरे नाकी में के लौंग, काने में के कानफुल, मंगलसूत्र आउर सारा सामान छीन लेहलेन। हमार मोबाइल भी ले लेहलन। हमरे साथे बलात्कार भी कइलन। एकरे बाद हमार बच्चा हमके दे दे देलन आउर इ कहलन कि हम पानी पी के आवत हई। फिर हम अपने बच्चा के लेके सड़क पर अइली तब हम दू मल्लाह के सब बतइली। उ दूनों हम के बस पर बइठा के हमार किराया दे देलन आउर बस वाले से इ भी कह देलन कि एन जहां कहियन एनके वहां उतार दिए। जब हम अपने घरे अइली त हमके लगत रहल कि हम का कर के घरे अईली एसे त अच्छा रहत कि हम आपन जान दे देइत। हम कइसे सबके सामने जाई। बदनामी के डर से पुलिस में भी रिपोर्ट नाहीं लिखवइली।