जिला वाराणसी, ब्लाक चोलापुर, गावं कैथी। इहां के रहे वाली बेबी के षादी संासाराम के विनायक के साथ भयल रहल। उ षराब पी के बेबी के मारत पीटत रहलन।
बेबी के पिता जय श्री केवट दहेज में नाव ना पइलन। काहे से ओन गरीब रहलन। आउर उ मुकदमा दर्ज करा देहलन। बेबी के कहब हव कि हमार बाउ मर गइलन। तब से हम मुकदमा अपने चाचा के साथ लड़त हई। हमरे पास एक लइका भी हव। गयारह साल हो गएल हव हमके रहत। हमार पति विनायक दूसर षादी भी कर लेहले हयन। हमरे ससुराल वाला कोई भी हमार साथ नाहीं देत हव। बेबी के कहब हव कि हमार जीवन कउनों काम के नाहीं हव।
बेबी बतसवलीन कि ओन त दूसर शादी करके आपन जिन्दगी काट रहल हयन। हम अपने लइका के लेके उुकदमा लड़ रहल हई। पता नहीं हमरे जिन्दगी के का फैसला होई। हमके त खुद नाहीं पता। हमके त लगला कि हमार जिन्दगी कउनों लायक के नाहीं हव।
दहेज पीछा नाहीं छोड़त हव
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