जिला महोबा, ब्लाक जैतपुर, गांव रजोनी। एते की रामबती ओर मिथलेश कहत हे की हमाई शादी तीन साल पेहले एक घर में भई हती। दहेज में मोटर साइकिल न देंय के कारन घर से भगा दओ हतो ओर मुकदमा भी लगा दओ हे।
रामबती कहत हें की हमाओ मायका छतरपुर जिला हे। तीन साल पेहले जभे हमाई शादी भई हती तो बाप ने अपने हेसियत से ज्यादा जान दहेज दओ हतो। ऊखे बाद भी ससुराल वालेन को पेट नईं भरो ओर मोटर साइकिल की मांग करन लगे। हम छह बहन हे गरीबी के कारन कीखे कीखे मोटर साइकिलल देहे। मिथलेश कहत हे की शादी के बाद छह महीना ससुराल में रही हों ऊखे बाद मारपीट करन लगे। सास रोटी बनायें के लेने थोई से आटा देत हती। रोटी कम पड़ जायें आदमी मारपीट करत हतो। हम दो साल अपने मायके में रहें हे। हमने मुकदमा भी नईं लगाओ हतो। हम सोचत हते की लेवा ले जेहे, काय से इत्तो रुपइया नइयां की हम मुकदमा लड़ सकन, पे मार्च अपै्रल में ससुराल वालेन ने खुद मुकदमा लगा दओ हे।
आदमी जगदीश कहत हे की हम कछू नईं मांग करत हते। ओर न मारपीट करी हे। घर-घर में थोई बोहोत तो लड़ाई हो जात हे। अब ऊ नई जात हे एई से हमने मुकदमा लगा दओ हे।
दहेज खा लेके मारपीट, कोर्ट में चलत मुकदमा
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